

मध्यप्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबरों ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। अब तक कुल 14 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनमें 11 एमपी और 3 राजस्थान से हैं। जांच में सिरप में ज़हरीले रसायन पाए गए हैं। केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की सिफारिश की है।
कोल्ड्रिफ और डेक्स्ट्रो सिरप बैन
देश में खांसी की दवा ने फिर से जानलेवा रूप ले लिया है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से अब तक 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था और दवा गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शनिवार को मध्यप्रदेश और केरल ने ‘कोल्ड्रिफ (Coldrif)’ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया, जबकि राजस्थान सरकार ने केसंस फार्मा की सभी 19 दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई है।
एमपी में 11 बच्चों की मौत, सिरप में पाया गया ज़हर
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 27 दिनों में 11 बच्चों की मौत हुई, जिनकी उम्र 1 से 5 साल के बीच थी। पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को आया, जबकि पहली मौत 7 सितंबर को हुई। बच्चों की मौत का कारण किडनी फेल होना बताया गया। एमपी स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने बताया कि कोल्ड्रिफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया, जिसकी मात्रा तय सीमा से काफी अधिक थी। DEG एक विषैला रसायन है, जो शरीर में जाकर गुर्दों को नुकसान पहुंचाता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मृत बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
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राजस्थान में 3 बच्चों की मौत, दवा कंपनी पर कार्रवाई
राजस्थान के चूरू, सीकर और भरतपुर में डेक्सट्रोमेथोरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप पीने से 3 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह दवा केसंस फार्मा नामक कंपनी द्वारा बनाई जा रही थी, जिसका प्लांट जयपुर में स्थित है। राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया, जिन्होंने पहले कंपनी को क्लीन चिट दी थी। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मौतों के पीछे सिरप को ज़िम्मेदार मानने से इनकार किया, लेकिन जांच अभी जारी है।
केंद्र सरकार सतर्क, दवा कंपनियों के प्लांट्स की जांच शुरू
मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 6 राज्यों में 19 दवा कंपनियों के प्लांट्स की जांच शुरू की है। यह पता लगाया जा रहा है कि गुणवत्ता में कमी क्यों और कैसे आई।
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DGHS की चेतावनी: छोटे बच्चों को न दें कफ सिरप
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की सिफारिश की है। साथ ही कहा गया है कि 5 साल से छोटे बच्चों को भी कफ सिरप बहुत सावधानी से और डॉक्टर की निगरानी में ही दिया जाए। दवा की मात्रा कम हो, समय सीमित हो और अन्य दवाओं के साथ सिरप का संयोजन न किया जाए। डॉ. सुनीता शर्मा ने यह एडवाइजरी जारी की है।
तमिलनाडु और गुजरात भी एक्शन में
तमिलनाडु सरकार ने MP के पत्र के बाद 24 घंटे में कोल्ड्रिफ सिरप के बैच नंबर SR-13 का सैंपल लिया। जांच में उसमें 48.6% DEG मिला, जो अत्यधिक जहरीली मात्रा है। इसके बाद पूरे राज्य में सिरप का उत्पादन और बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई।गुजरात सरकार ने भी राज्य में बिक रहे कफ सिरप की जांच के आदेश दिए हैं। जिससे किसी अनहोनी को रोका जा सके।