देर रात बंद कमरे में फडणवीस–शिंदे की मुलाकात, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में होने वाला है बड़ा बदलाव?

महाराष्ट्र निकाय चुनाव से पहले महायुति में हुई दरार पर अब विराम लग गया है। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की देर रात बैठक के बाद तय हुआ कि भाजपा और शिवसेना संयुक्त रूप से निकाय चुनाव लड़ेंगे। बैठक में दोनों नेताओं के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और मंत्री रविंद्र चव्हाण भी मौजूद थे।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 9 December 2025, 8:39 AM IST
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Mumbai: महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव से पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में चल रही तनातनी अब थमती नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच बढ़ते मतभेदों के बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि दोनों दल अलग-अलग चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन सोमवार देर रात नागपुर में हुई मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बंद कमरे की बैठक ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।

करीब डेढ़ घंटे तक चली इस अहम बैठक में यह तय हुआ कि महाराष्ट्र की सभी नगर पालिका और महानगर पालिका चुनाव महायुति के बैनर तले ही संयुक्त रूप से लड़े जाएंगे। बैठक में दोनों नेताओं के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और मंत्री रविंद्र चव्हाण भी मौजूद थे।

मुंबई-ठाणे समेत सभी महापालिकाओं में संयुक्त रणनीति

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर सहित राज्य की सभी प्रमुख महानगर पालिकाओं में सीट बंटवारे और चुनावी रणनीति को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई है। तय किया गया है कि अगले दो से तीन दिनों में स्थानीय स्तर पर दोनों दलों के नेताओं के बीच संवाद शुरू होगा, ताकि किसी भी तरह का टकराव टाला जा सके।

एक-दूसरे की पार्टी में प्रवेश पर लगी रोक

महायुति में पैदा हुए तनाव की सबसे बड़ी वजह नेताओं की आपसी खींचतान थी। बैठक में इस पर भी सहमति बनी कि भाजपा और शिवसेना के नेता अब एक-दूसरे की पार्टी में शामिल नहीं होंगे। इस फैसले को शिंदे गुट की बड़ी मांग माना जा रहा था, जो अब पूरी होती दिख रही है।

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कैबिनेट बहिष्कार से बढ़ा था विवाद

कुछ दिन पहले एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने राज्य कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार किया था। इसके बाद दोनों दलों के बीच तनाव खुलकर सामने आया। शिंदे गुट के मंत्रियों की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि उनकी जानकारी के बिना उनके फैसले रद्द किए जा रहे थे। वहीं भाजपा की तरफ से भी संगठन विस्तार को लेकर असंतोष की खबरें सामने आ रही थीं।

इन तमाम मुद्दों पर देर रात की बैठक में खुलकर चर्चा हुई और माना जा रहा है कि फडणवीस ने शिंदे की नाराजगी दूर करने की पहल करते हुए भरोसा दिलाया कि भविष्य में समन्वय के साथ फैसले लिए जाएंगे।

महायुति के लिए चुनावी मजबूरी भी

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि भाजपा और शिंदे शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़ती तो इसका सबसे बड़ा फायदा विपक्ष को मिल सकता था। खासकर मुंबई और ठाणे जैसे शहरी क्षेत्रों में विभाजित वोटिंग महायुति को नुकसान पहुंचा सकती थी। इसलिए गठबंधन को बचाए रखना दोनों दलों की मजबूरी भी बन गई थी।

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आगे क्या होगी रणनीति?

सूत्रों के अनुसार जल्द ही:

  • नगर पालिका चुनावों के लिए सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय होगा
  • अलग-अलग जिलों में समन्वय समितियां बनाई जाएंगी
  • प्रचार अभियान को लेकर संयुक्त रणनीति तैयार की जाएगी

इस बैठक के बाद महायुति में फिलहाल शांति लौटती दिख रही है और यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि निकाय चुनाव में भाजपा और शिंदे की शिवसेना एक साथ मैदान में उतरेंगी।

Location : 
  • Mumbai

Published : 
  • 9 December 2025, 8:39 AM IST

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