अमृता फडणवीस की बेबाकी ने लूटी वाहवाही, ट्रोलिंग से लेकर परंपरा तक खुलकर बोलीं; जानें क्या कहा

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता अमृता फडणवीस ने सोशल मीडिया ट्रोलिंग, महिलाओं के प्रति नजरिए और पारंपरिक सोच पर बेबाकी से अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ट्रोल्स सिर्फ बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह होते हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 26 September 2025, 11:38 AM IST
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New Delhi: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी और बैंकिंग प्रोफेशनल, सामाजिक कार्यकर्ता एवं गायिका अमृता फडणवीस ने इंडिया टुडे विमेन समिट में शिरकत की, जहां उन्होंने सोशल मीडिया ट्रोलिंग, महिलाओं के आत्मसम्मान और पारंपरिक सोच के प्रति अपने अनुभव और विचार बेझिझक साझा किए।

"ट्रोल्स बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह होते हैं"

ट्रोलिंग पर पूछे गए सवाल के जवाब में अमृता फडणवीस ने कहा कि यह केवल मेरे बारे में नहीं है, यह हर उस महिला के बारे में है जो खुद की आवाज़ उठाती है। ट्रोल्स बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह होते हैं या तो आप बहुत परेशान हो सकती हैं, या उसी धुन पर नाच सकती हैं। यह आपके ऊपर है कि आप उस संगीत के साथ क्या करती हैं।

अमृता फडणवीस

“पेड ट्रोल्स जनता को भटकाने का काम करते हैं”

उन्होंने ट्रोलिंग की प्रकृति और इसके पीछे की मंशा पर भी सवाल उठाए। अमृता ने कहा कि कुछ ऐसे सोशल मीडिया हैंडल हैं जो केवल लोगों को मूल मुद्दों से भटकाने का काम करते हैं। ये पेड ट्रोल्स होते हैं, जिन्हें किसी एजेंडे के तहत एक्टिव किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी ट्रोलिंग का उद्देश्य समाज में वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाकर लोगों को भावनात्मक और सतही विषयों में उलझाए रखना होता है। लेकिन अब वो इस खेल को समझ चुकी हैं और इससे प्रभावित नहीं होतीं।

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“अब मैंने सबक सीख लिया है”

अपनी सोशल मीडिया उपस्थिति और आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि मैं हर तरह की आलोचना से न तो असहमत हूं और न ही हर बात से सहमत। लेकिन अब मैंने सबक सीख लिया है, आलोचना किस तरह की है, यह महत्वपूर्ण होता है। आप उसमें से क्या सीखते हैं, यह ज़्यादा मायने रखता है।

“मैं साड़ी पहनकर पोहा परोसने वाली नहीं थी”

कार्यक्रम के दौरान अमृता फडणवीस ने एक 10 साल पुरानी याद साझा की, जब वो इंडिया टुडे विमेन मैगज़ीन के कवर पर थीं। उस वक्त उन्होंने एक बयान दिया था, जो आज भी चर्चित है। मैं साड़ी पहनकर पोहा नहीं परोसना चाहती थी। यह किस्सा तब का है जब देवेंद्र फडणवीस से उनकी शादी तय हो रही थी। पारंपरिक रूप से साड़ी पहनकर लड़के को पोहा परोसने की रस्म होती है। अमृता कहती हैं कि वे इस परंपरा के साथ सहज नहीं थीं।

मेरी मां ने कहा कि साड़ी में पोहा कहां है, लेकिन मैंने कहा कि मैं ऐसा नहीं करूंगी। मैं चाहती थी कि हमारी पहली मुलाकात समानता और सहजता के माहौल में हो, न कि किसी परंपरा के दबाव में।

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“अब मैं उनके लिए तैयार होती हूं, जो मेरा सम्मान करते हैं”

अमृता फडणवीस ने यह भी कहा कि अब वे उन लोगों के लिए तैयार होती हैं, जो उन्हें सम्मान और प्रेम से देखते हैं। अब मैं सालों से उन लोगों के लिए कपड़े पहनती हूं जो मुझे पसंद करते हैं, मुझे सम्मान देते हैं। मैं वही करती हूं जो मुझे और मेरे चाहने वालों को अच्छा लगे।

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  • 26 September 2025, 11:38 AM IST