

महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित कोराडी के महालक्ष्मी जगदंबा देवस्थान में शनिवार रात करीब 8 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ। निर्माणाधीन गेट का हिस्सा भरभराकर गिर गया।
नागपुर के कोराड़ी देवी मंदिर में हादसा
मुंबई: महाराष्ट्र के नागपुर में बड़ा हादसा हुआ है, जहां कोराडी इलाके में स्थित महालक्ष्मी मंदिर के प्रवेश द्वार पर निर्माण कार्य के दौरान स्लैब अचानक ढह गया, जिससे वहां काम कर रहे 17 मजदूर घायल हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सभी घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। जानकारी के मुताबिक हादसा शनिवार रात करीब 8 बजे मंदिर के चौथे गेट के पास हुआ।
यहां पर्यटन विकास योजना के तहत NMRDA द्वारा भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण हो रहा था। चार खंभों पर स्लैब डालने का काम चल रहा था और इसके लिए सेंटरिंग लगाई गई थी।
काम के दौरान अचानक स्लैब और सेंटरिंग दोनों भरभराकर गिर गए, जिससे नीचे मौजूद मजदूर मलबे में दब गए।
स्थानीय पुलिस ने हादसे के बाद मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है। वहीं, बचाव कार्य देर रात तक जारी रहने की संभावना है, क्योंकि आशंका है कि कुछ और मजदूर भी मलबे के नीचे हो सकते हैं।
नागपुर डीसीपी निकेतन कदम ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची।
एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर कृपाल मूले के अनुसार जब टीम वहां पहुंची तो ढांचा पूरी तरह गिर चुका था। पहले शारीरिक खोज की गई, फिर डॉग स्क्वाड से तलाश की गई। फिलहाल किसी के मलबे में फंसे होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मलबा पूरी तरह हटाने के बाद ही अंतिम बयान दिया जाएगा।
डॉक्टरों ने बताया कि तीन मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका विशेष इलाज चल रहा है। बाकी घायल मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
प्रशासन ने घायलों और उनके परिवारों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया है।
यह हादसा निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। फिलहाल प्रशासन और NDRF मिलकर घटना की पूरी जांच कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।
घटना की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इतनकर, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस निकेतन कदम, कोराडी पुलिस और NDRF की टीम मौके पर पहुंची।
रेस्क्यू टीम ने तेजी से मलबा हटाकर सभी मजदूरों को बाहर निकाला और अस्पताल भेजा।
प्रशासन का कहना है कि पोस्ट-एक्सीडेंट प्रक्रिया के तहत जांच शुरू कर दी गई है और उम्मीद है कि मलबे के नीचे अब कोई नहीं फंसा है।