

शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक मनाई जाएगी। इस पावन पर्व पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर दिन अलग-अलग देवी को उनकी प्रिय वस्तु का भोग लगाने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, शांति व शक्ति का आशीर्वाद देती हैं।
नवरात्रि में हर दिन का अलग प्रसाद
New Delhi: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। सनातन धर्म के अनुयायी पूरे वर्ष इस पर्व का इंतजार करते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक मनाई जाएगी। इन नौ दिनों में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान और श्रद्धा से की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में देवी मां की पूजा के दौरान उन्हें उनके प्रिय भोग अर्पित करने से वे अत्यंत प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, शांति, समृद्धि और शक्ति का आशीर्वाद देती हैं। यही कारण है कि नवरात्रि के प्रत्येक दिन देवी के अलग-अलग स्वरूप की आराधना के साथ विशिष्ट भोग लगाने का विधान है।
नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा से होती है। इस दिन गाय के घी से बने पकवान या प्रसाद का भोग लगाने से सभी रोग दूर होते हैं और आयु में वृद्धि होती है।
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना होती है। इस दिन मिश्री का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इससे भक्त को तप, वैराग्य और शांति की प्राप्ति होती है।
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। इस दिन खीर का भोग लगाने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
मां दुर्गा के नौ रूपों को चढ़ाएं ये भोग
मां कुष्मांडा की आराधना चौथे दिन की जाती है। इस दिन मालपुआ का भोग लगाने से घर में खुशहाली आती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन केले का भोग लगाने से संतान की उन्नति और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। इस दिन फलों का भोग लगाने से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।
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सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना की जाती है। इस दिन गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाने से शत्रु बाधाएं दूर होती हैं और भय से मुक्ति मिलती है।
आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है। इस दिन नारियल का भोग लगाने से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में पवित्रता आती है।
नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन तिल से बनी वस्तुओं का भोग लगाना शुभ माना गया है। इससे भक्त को सिद्धि और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
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देशभर में नवरात्रि का पर्व भक्तिमय वातावरण में मनाया जाता है। मंदिरों और घरों में मां दुर्गा के जयकारे गूंजते हैं। इस बार भी श्रद्धालु माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों तक उनके प्रिय भोग अर्पित कर आशीर्वाद की कामना करेंगे।