Sharadiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि पर कैसे करें घट स्थापना, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है और 1 अक्टूबर तक चलेगी। 2 अक्टूबर को विजयादशमी पर देवी दुर्गा का विसर्जन होगा। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं घट स्थापना का महत्व, मिट्टी के कलश की पवित्रता और शुभ मुहूर्त।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 18 September 2025, 3:49 PM IST
google-preferred

New Delhi: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। आश्विन मास में पड़ने वाली यह नवरात्रि भक्तों के लिए नौ दिनों का पर्व है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार, 22 सितंबर 2025 से हो रही है और इसका समापन बुधवार, 1 अक्टूबर को होगा। अगले दिन 2 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।

घट स्थापना का महत्व

नवरात्रि का पहला दिन घट स्थापना या कलश स्थापना के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बिना घट स्थापना के पूजा-अर्चना अधूरी मानी जाती है। कलश को ब्रह्मांड का प्रतीक माना गया है और इसमें देवी-देवताओं का वास बताया गया है। यही कारण है कि कलश स्थापना को नवरात्रि की शुरुआत का सबसे पवित्र कार्य माना जाता है।

पूरे नौ दिनों तक कलश देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति के सामने स्थापित रहता है और इसी से पूजा विधिवत संपन्न होती है।

Sharadiya Navratri 2025

नवरात्रि पूजा विधि

मिट्टी के कलश का महत्व

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि प्राचीन काल से ही धार्मिक अनुष्ठानों में मिट्टी के कलश का प्रयोग किया जाता रहा है। यद्यपि धातु जैसे पीतल, तांबा या स्टील के कलश भी उपयोग किए जाते हैं, लेकिन मिट्टी का कलश सबसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है।

Navratri Kanya Pujan: नवरात्रि में कितनी कन्याओं को कराएं भोजन, जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

मिट्टी को धरती का स्वरूप माना जाता है, जिसमें जीवन का आधार छिपा है। इसलिए नवरात्रि के शुभ अवसर पर मिट्टी के कलश से घट स्थापना करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को शुभ फल मिलता है।

घट स्थापना 2025 का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना विशेष मुहूर्त में करनी चाहिए। इस वर्ष घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में भी घट स्थापना की जा सकती है, जो 11 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।

इन दोनों समयावधियों में घट स्थापना करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और भक्तों पर देवी दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है।

Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि में कैसे करें हवन, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

विजयादशमी और पूजन का फल

नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त व्रत-उपवास रखते हैं और देवी दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। नवरात्रि का समापन विजयादशमी पर होता है, जब मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में विधिपूर्वक पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

Location : 

No related posts found.