

मॉनसून में अक्सर बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं, लेकिन करेला ऐसा नेचुरल सुपरफूड है जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही ब्लड शुगर, स्किन प्रॉब्लम और डाइजेशन जैसी समस्याओं में जबरदस्त फायदा पहुंचाता है। जानिए क्यों करेला इस मौसम में आपकी डाइट का अहम हिस्सा होना चाहिए।
करेला स्वास्थ्य लाभ (सोर्स-गूगल)
New Delhi: मॉनसून का मौसम जहां एक ओर ठंडी हवाओं और बरसात की फुहारों से मन को सुकून देता है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम बीमारियों की सौगात भी साथ लाता है। इस मौसम में सर्दी-खांसी, वायरल इन्फेक्शन, पाचन गड़बड़ी और इम्युनिटी में गिरावट आम हो जाती है। लेकिन एक साधारण सी सब्ज़ी—करेला, इस मौसम में आपकी ढाल बन सकता है।
इम्युनिटी को करता है मजबूत
करेले में मौजूद विटामिन C, पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवोनॉइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाकर संक्रमण से लड़ने की ताकत देते हैं। यह सर्दी, खांसी, बुखार जैसी मौसमी बीमारियों से रक्षा करता है।
ब्लड शुगर को नैचुरली कंट्रोल करता है
डायबिटीज़ के रोगियों के लिए करेला बेहद फायदेमंद है। इसमें पाए जाने वाले चारेंटिन और पॉलीपेप्टाइड-पी जैसे तत्व इंसुलिन के समान काम करते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।
पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है
करेले में मौजूद फाइबर और पानी की अधिक मात्रा कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देती है। इसके कड़वे तत्व लिवर से पित्त स्राव को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे पाचन बेहतर होता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
मॉनसून में करेले के फायदे (सोर्स-गूगल)
स्किन को रखता है हेल्दी और साफ
नमी भरे इस मौसम में फंगल इन्फेक्शन और मुंहासे जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। करेला रक्त को शुद्ध करता है और एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
लिवर की रक्षा करता है
मॉनसून में ज्यादा तला-भुना और भारी भोजन लिवर पर असर डालता है। करेला लिवर को डिटॉक्स करता है, पित्त का निर्माण बढ़ाता है और लिवर सेल्स को पुनर्जीवित करने में मदद करता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। करेला एक स्वास्थ्यवर्धक आहार है, लेकिन किसी भी विशेष बीमारी या स्वास्थ्य समस्या के लिए इसे औषधि के रूप में प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन भी हानिकारक हो सकता है।