

क्या आप रोज़ाना मेकअप करती हैं? लिपस्टिक, आईशैडो, मस्कारा और नकली नाखून जैसे मेकअप उत्पादों का इस्तेमाल करते हुए क्या आपको कभी इस बात की चिंता हुई है कि इससे आपकी सेहत पर कोई असर पड़ सकता है? हाल ही में ब्रिटेन में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि नियमित रूप से मेकअप करने से वयस्कता में अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। आइये जानते हैं इस अध्ययन के बारे में और जानिए इससे जुड़ी ख़तरनाक जानकारी।
मेकअप से हो सकता नुकसान
New Delhi: ब्रिटेन में किए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि नियमित रूप से मेकअप करने से वयस्कों में अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। लिपस्टिक, आईशैडो, मस्कारा और नकली नाखून जैसे मेकअप उत्पादों का सेवन करने वाली महिलाओं में इस जोखिम का प्रतिशत अधिक देखा गया है। अध्ययन में बताया गया कि मेकअप उत्पादों के कारण शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है, खासकर श्वसन तंत्र पर।
अस्थमा होने का खतरा 47% ज्यादा
अध्यान में सामने आया कि लिपस्टिक और ब्लश जैसे उत्पादों का इस्तेमाल करने से महिलाओं में अस्थमा का खतरा 47 प्रतिशत ज्यादा बढ़ जाता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि हफ्ते में पांच या उससे अधिक बार मेकअप लगाने से इस समस्या का खतरा और भी बढ़ जाता है, और यह 18 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
मेकअप उत्पादों के हानिकारक प्रभाव
मेकअप उत्पादों में मौजूद हानिकारक रसायन
अमेरिका के नेशनल हार्ट, लंग्स एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के अनुसार, मेकअप उत्पादों में हानिकारक रसायन जैसे पॉलीफ्लोरोएल्काइल पदार्थ (PFAs), पैराबेन, फ्थैलेट्स, और फिनॉल्स पाए गए हैं, जो श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। ये रसायन हार्मोनल असंतुलन और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने का कारण बन सकते हैं, जिससे श्वसन समस्याओं का खतरा बढ़ता है।
भारत में भी बढ़ रहे हैं श्वसन रोगों के मामले
भारत में भी श्वसन संबंधी बीमारियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2023 में सीओपीडी (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) और अस्थमा के करीब 90 मिलियन (9 करोड़) मामले सामने आए हैं। इससे यह साफ़ है कि श्वसन तंत्र की समस्याएं एक वैश्विक समस्या बन चुकी हैं, और इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय परिस्थितियां प्रमुख हैं।
मेकअप के प्रभाव पर विशेष शोध की आवश्यकता
इस शोध से यह साफ़ होता है कि मेकअप उत्पादों में मौजूद हानिकारक रसायन वयस्कों में अस्थमा का खतरा बढ़ा सकते हैं, लेकिन इस बात की पुष्टि करने के लिए और अधिक विशेषज्ञ अध्ययन की आवश्यकता है। यह अध्ययन महिलाओं की श्वसन समस्याओं के बढ़ते जोखिम को भी उजागर करता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो गर्भावस्था के दौरान इन उत्पादों का इस्तेमाल करती हैं।
मेकअप के हानिकारक प्रभाव
मेकअप के प्रभाव पर विशेषज्ञों की राय
डॉ. सामंथा वॉकर, जो अस्थमा-लंग्स इंस्टीट्यूट यूके में अनुसंधान और नवाचार निदेशक हैं, का कहना है, "महिलाओं में अस्थमा का जोखिम पुरुषों की तुलना में अधिक होता है, और यह हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है। मेकअप उत्पाद इस जोखिम को और बढ़ा रहे हैं। हमें इस विषय पर और अधिक शोध की आवश्यकता है ताकि हम महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए ठोस उपायों पर काम कर सकें।"
भविष्य में किस तरह के उपाय हो सकते हैं?
अध्ययन में यह भी पाया गया कि पर्सनल केयर उत्पादों में मौजूद रसायनों पर यदि कड़ी कार्रवाई की जाए, तो इससे श्वसन समस्याओं के बढ़ते मामलों को रोका जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ईडीसी (Endocrine-Disrupting Chemicals) पर अधिक ध्यान दिया जाए, ताकि लोग इन उत्पादों से जुड़े खतरों से बच सकें।
क्या कर सकते हैं आप?
यदि आप भी मेकअप के शौकिन हैं, तो आपको यह समझने की जरूरत है कि कुछ मेकअप उत्पादों के लंबे समय तक इस्तेमाल से आपकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। ऐसे उत्पादों से बचने की कोशिश करें जिनमें हानिकारक रसायन शामिल हों, और प्राकृतिक उत्पादों का चुनाव करें।
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