Kitchen Tips: रसोई के बर्तनों की भी होती है एक्सपायरी डेट! समय पर करें बदलाव, वरना स्वास्थ्य समस्याओं का करना पड़ेगा सामना

अक्सर हम खाने-पीने की चीज़ों की एक्सपायरी डेट को लेकर सतर्क रहते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रसोई में इस्तेमाल होने वाले बर्तन और उपकरण भी एक निश्चित समय के बाद बदलने चाहिए? विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर इन्हें न बदला जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 25 July 2025, 2:35 PM IST
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New Delhi: हम सभी खाने-पीने के उत्पादों पर छपी एक्सपायरी डेट को देखकर ही उन्हें इस्तेमाल करने का निर्णय लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में रोजाना इस्तेमाल होने वाले बर्तनों और उपकरणों की भी एक सीमित उम्र होती है? ये चीजें भी समय के साथ घिस जाती हैं और अगर इन्हें समय पर बदला न जाए, तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।

क्या होती है एक्सपायरी डेट?

समाप्ति तिथि यानी एक्सपायरी डेट वह समय सीमा होती है, जब तक कोई उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी रहता है। इसके बाद उसका उपयोग स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। किसी भी उत्पाद को खोलने के बाद उसकी शेल्फ लाइफ कम हो जाती है, भले ही उस पर दी गई तारीख अभी दूर हो। इसलिए लेबल पर छपे निर्देशों और भंडारण उपायों का पालन जरूरी है।

आईये जानते हैं ऐसे प्रमुख बर्तनों के बारे में जिनकी एक निश्चित जीवन अवधि होती है-

नॉन-स्टिक फ्राइंग पैन: हर 2-5 साल में बदलें, खासकर जब कोटिंग छिलने लगे।
लकड़ी का चम्मच: 1-2 साल में बदलें अगर यह बदबू देने लगे या टूट जाए।
प्लास्टिक कटिंग बोर्ड: 1-2 साल में बदलें, जब गहरे खरोंच दिखने लगें।
सिलिकॉन स्पैटुला: 2-4 साल तक ही उपयोग करें।
रसोई स्पंज/स्क्रबर: हर 2-4 हफ्ते में बदलना आवश्यक है।
पीलर और ग्रेटर: जब ब्लेड कुंद हो जाए या जंग लग जाए।
प्लास्टिक स्टोरेज कंटेनर: अगर दाग, बदबू या मुड़ाव आ जाए तो 1-3 साल के भीतर बदल दें।

Expiry date of utensils (Source-Google)

बर्तनों की एक्सपायरी डेट (सोर्स-गूगल)

इन बातों का रखें ध्यान

खासतौर पर प्लास्टिक के कंटेनर चुनते समय PET, HDPE या PP चिह्नित कंटेनरों का चयन करें क्योंकि ये सुरक्षित माने जाते हैं। PVC और PS जैसे प्लास्टिक से बने कंटेनरों का उपयोग गर्म खाद्य पदार्थों के लिए न करें।

चॉपिंग बोर्ड के मामले में, लकड़ी का बोर्ड हर 2-3 साल में बदलना चाहिए, खासकर जब वह टेढ़ा हो जाए या गहरे कट लग जाएं।

बर्तनों की स्थिति का रखें ध्यान

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि उपभोक्ता सिर्फ एक्सपायरी डेट नहीं, बल्कि बर्तनों की स्थिति, सफाई और गंध पर भी ध्यान दें। उचित देखभाल और समय पर बदलाव न केवल खाना पकाने की गुणवत्ता को बनाए रखता है, बल्कि परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा भी करता है।

रसोई के उपकरणों की एक्सपायरी डेट को नजरअंदाज करना आपकी सेहत को खतरे में डाल सकता है। खाना बनाने के लिए जिन बर्तनों और उपकरणों का रोजाना उपयोग होता है, उन्हें समय पर बदलना बेहद जरूरी है। सही जानकारी और जागरूकता के साथ आप न केवल बेहतर भोजन बना सकते हैं, बल्कि अपने परिवार को संभावित बीमारियों से भी सुरक्षित रख सकते हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 25 July 2025, 2:35 PM IST

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