Healthy Lifestyle: कोलेस्ट्रॉल से लेकर बैक्टीरिया तक का है रामबाण इलाज, जानिए तांबे के बर्तन में पानी पीने का सही समय और फायदे

लोग फिटनेस और स्वस्थ जीवन के लिए महंगे सप्लीमेंट्स और उपचारों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन आयुर्वेद में कई सरल और प्राकृतिक उपाय हैं डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए कैसे

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 30 May 2025, 1:56 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: आधुनिक जीवनशैली में लोग फिटनेस और स्वस्थ जीवन के लिए महंगे सप्लीमेंट्स और उपचारों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन आयुर्वेद में कई सरल और प्राकृतिक उपाय हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को भीतर से मजबूत बनाते हैं। इन्हीं में से एक है तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना। भारत में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन अब विज्ञान भी इसके फायदों को पहचानने लगा है।

तांबे के बर्तन का पानी बैक्टीरिया पर कैसे हमला करता है?

तांबे में प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जब आप तांबे के बर्तन में पानी भरकर रात भर के लिए छोड़ देते हैं, तो उसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव मर जाते हैं। एक शोध के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखा पानी ई.कोली और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया को खत्म करने में सक्षम है, जो आमतौर पर पेट से संबंधित बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं।

copper water Benefits (Source-Internet)

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे (सोर्स-इंटरनेट)

खराब कोलेस्ट्रॉल पर तांबे के पानी का प्रभाव

आजकल दिल से जुड़ी बीमारियों का एक बड़ा कारण खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) है। जब यह शरीर में बड़ी मात्रा में जमा हो जाता है, तो यह धमनियों में रुकावट पैदा करता है। तांबे का पानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ावा देने में मदद करता है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और दिल की सेहत भी बेहतर होती है।

तांबे में मौजूद सूक्ष्म खनिज शरीर के मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाते हैं। यह वसा को तोड़ने की प्रक्रिया को तेज करता है, जिससे मोटापा और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यह लीवर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

तांबे का पानी घुटनों और जोड़ों में उछाल लाता है

तांबे का पानी जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी समस्याओं में भी राहत देता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं और जोड़ों की गतिशीलता को बढ़ाते हैं। नियमित रूप से तांबे के बर्तन का पानी पीने से घुटने मजबूत होते हैं और चलने में कोई परेशानी नहीं होती।

तांबे के बर्तन का पानी पीने का सही समय

  • सुबह खाली पेट: तांबे के बर्तन का पानी सुबह बिना कुछ खाए-पिए पीने का सबसे अच्छा समय है। इससे पेट साफ होता है और पूरे दिन शरीर को ऊर्जा मिलती है।
  • रात भर रखा पानी: तांबे के बर्तन में रात भर रखा पानी पीने से इसके सभी फायदे मिलते हैं। पानी को कम से कम 6-8 घंटे तक बर्तन में रखना चाहिए।
  • ध्यान रखने योग्य बातें: तांबे के बर्तन का पानी सीमित मात्रा में पीना चाहिए। रोजाना 1 से 2 गिलास पर्याप्त है। तांबे के बर्तन को सप्ताह में कम से कम एक बार नींबू या इमली से साफ करें ताकि उसमें जमा ऑक्साइड की परत हट जाए।

Location : 

Published :