यमन में सऊदी बमबारी के बाद खाड़ी संकट गहराया, UAE ने सऊदी अरब से सैनिक बुलाने का ऐलान

यमन के मुकल्ला बंदरगाह पर सऊदी अरब की बमबारी के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। UAE ने सऊदी अरब से अपने सैनिक वापस बुलाने का ऐलान किया है। जानिए पूरे घटनाक्रम, आरोपों और यमन संकट पर इसके असर की पूरी जानकारी।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 31 December 2025, 9:41 AM IST
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yemen: यमन के रणनीतिक बंदरगाह शहर मुकल्ला पर सऊदी अरब की बमबारी के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव और गहरा गया है। इस घटनाक्रम के बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने बड़ा फैसला लेते हुए सऊदी अरब से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब सऊदी अरब ने आरोप लगाया कि यमन पहुंचे एक जहाज के जरिए UAE से हथियार भेजे गए थे, जिन्हें निशाना बनाकर मुकल्ला पर हमला किया गया।

सुरक्षा कारणों का हवाला, आरोपों से इनकार

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार UAE के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा जरूरतों और आतंकवाद-रोधी अभियानों की प्रभावशीलता को देखते हुए शेष सैन्य कर्मियों को स्वेच्छा से वापस बुलाया जा रहा है। वहीं UAE के विदेश मंत्रालय ने हथियार भेजने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। मंत्रालय का कहना है कि UAE यमन की संप्रभुता का सम्मान करता है और वहां वैध सरकार की बहाली व आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करता रहेगा।

UAE के मुताबिक, मुकल्ला बंदरगाह पहुंचे जहाज में हथियार नहीं, बल्कि वहां तैनात UAE सैनिकों के इस्तेमाल के लिए वाहन मौजूद थे। मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि यमन के भविष्य और शासन व्यवस्था का फैसला यमनी पक्षों को स्वयं करना चाहिए, न कि बाहरी ताकतों को।

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मुकल्ला बमबारी से बढ़ा विवाद

घटनाक्रम के तहत मंगलवार को UAE के फुजैरा से रवाना हुआ एक जहाज मुकल्ला पहुंचा। इसके कुछ ही समय बाद सऊदी अरब ने मुकल्ला पर हवाई हमला किया। रियाद का आरोप है कि यह खेप अबू धाबी समर्थित सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) को हथियार देने के लिए भेजी गई थी। वहीं UAE इस दावे को बेबुनियाद बता रहा है।

STC बनाम यमनी सेना, टकराव तेज

STC अप्रैल 2017 से दक्षिणी यमन के लिए अलग संप्रभुता की मांग कर रहा है। इसके विपरीत यमनी सेना हद्रामौत ट्राइबल एलायंस के साथ खड़ी है, जिसे सऊदी अरब का समर्थन हासिल है। दोनों गुटों के बीच टकराव से दक्षिणी यमन और अधिक अस्थिर हो गया है।

इसी महीने STC ने हद्रामौत और महरा प्रांतों के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण का दावा किया, जिनमें तेल प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। इसके बाद से क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां और राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहा है।

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रणनीतिक क्षेत्र, वैश्विक असर

यमन का यह इलाका वैश्विक शिपिंग रूट्स और मध्य पूर्व के प्रमुख ऊर्जा निर्यात क्षेत्रों के नजदीक स्थित है। यही वजह है कि सऊदी अरब और UAE दोनों यहां अलग-अलग राजनीतिक और सैन्य गुटों का समर्थन करते रहे हैं। शुक्रवार को सऊदी अरब ने हद्रामौत में हवाई हमले कर अलगाववादी ताकतों को चेतावनी दी थी कि वे आगे बढ़ने से रुकें।

विश्लेषकों का मानना है कि हालिया घटनाओं से STC की स्थिति और मजबूत हो सकती है। इससे भविष्य में यमन संकट पर होने वाली किसी भी शांति वार्ता में STC का प्रभाव बढ़ने की संभावना है। STC लंबे समय से दक्षिणी यमन के लिए आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग करता रहा है।

Location : 
  • yemen

Published : 
  • 31 December 2025, 9:41 AM IST

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