

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता हुआ है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। इस समझौते के तहत अगर एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा।
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुआ ये खास समझौता
New Delhi: पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता हुआ है, जो न केवल द्विपक्षीय सुरक्षा संबंधों को गहरा करने के लिए है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को भी बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस समझौते पर सऊदी अरब के दौरे के दौरान हस्ताक्षर किए हैं। 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' (SMDA) के तहत, दोनों देशों ने यह सहमति जताई है कि अगर किसी एक देश पर हमला किया जाता है तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और वे संयुक्त रूप से इसका जवाब देंगे।
'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रियाद में हस्ताक्षर किए। इस ऐतिहासिक समझौते को दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य और सुरक्षा साझेदारी का प्रतीक माना जा रहा है। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रक्षा संबंधों को और भी गहरा किया गया है, जो विशेषकर मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया में बढ़ते तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते में कहा गया है कि दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे और किसी भी हमले का संयुक्त रूप से मुकाबला करेंगे।
शहबाज शरीफ का यह दौरा सऊदी अरब के साथ रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रियाद में उनका स्वागत क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने किया। दोनों नेताओं ने इस समझौते को क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक अहम पहल बताया। समझौते के तहत दोनों देशों ने अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई। यह समझौता पाकिस्तान के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि उसे सऊदी अरब से न केवल सैन्य सहायता मिल रही है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी उसे सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त हो रहा है।
यह समझौता विशेष रूप से उस समय हुआ है जब पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है। पाकिस्तान अभी भी भारत से डरता हुआ नजर आ रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर इलियास कश्मीरी ने यह स्वीकार किया था कि भारत ने पाकिस्तान को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है। वह यह भी मानते हैं कि पाकिस्तान के लिए ऑपरेशन सिंदूर एक गंभीर संकट था, जिसमें मसूद अजहर का परिवार खत्म हो गया था। इस प्रकार, पाकिस्तान को अब भी भारत से खतरों का सामना करना पड़ता है, और वह भारत के खिलाफ अपनी सुरक्षा रणनीतियों को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं, लेकिन इस समझौते के बाद यह और भी मजबूत हो गए हैं। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को लगातार आर्थिक और सैन्य समर्थन दिया है। पाकिस्तान की विदेश नीति में सऊदी अरब का समर्थन हमेशा महत्वपूर्ण रहा है, और अब इस रक्षा समझौते से दोनों देशों के रिश्तों में और भी मजबूती आएगी। यह समझौता पाकिस्तान को एक रणनीतिक समर्थन प्रदान करेगा, जो उसे भारत और अन्य क्षेत्रीय संकटों के खिलाफ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।