भारत की ऊर्जा नीति पर ट्रंप का दावा, रूस से तेल खरीद में मिला बड़ा संकेत; पढ़ें विदेश मंत्रालय ने क्या कहा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत द्वारा रूस से तेल नहीं खरीदने के दावे के बाद विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत की तेल नीति जनता के हितों को ध्यान में रखकर तय होती है। तेल आपूर्ति को लेकर अमेरिका से भी बातचीत जारी है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 16 October 2025, 12:51 PM IST
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Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह दावा किए जाने के बाद कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ऐसा भरोसा दिलाया है, भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह देश के उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर तय की जाती है और यह किसी एक देश की मर्जी पर आधारित नहीं होती।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'भारत तेल और गैस का एक अहम आयातक है। अस्थिर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। हम अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्रोतों में विविधता लाते रहे हैं।'

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल

उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की ऊर्जा नीति के दो मुख्य लक्ष्य हैं स्थिर ऊर्जा कीमतें और सुरक्षित आपूर्ति। जायसवाल ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार को ध्यान में रखते हुए अपनी ऊर्जा नीतियों में समय-समय पर बदलाव करता है और आगे भी करता रहेगा।

हालांकि प्रवक्ता ने ट्रंप के बयान का सीधा खंडन नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी तेल खरीद नीति किसी बाहरी दबाव में नहीं बदलता।

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भारत और अमेरिका के बीच चल रही बातचीत

रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि अमेरिका के साथ भारत का ऊर्जा सहयोग बीते दशक में काफी मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा, “हमने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका से तेल और गैस की खरीद में बढ़ोतरी की है। मौजूदा अमेरिकी सरकार भी भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को और गहरा करने की इच्छुक है और इस दिशा में बातचीत जारी है।”

ट्रंप का विवादित दावा

डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ इसलिए लगाया था क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा था, जो अमेरिका को पसंद नहीं था।

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ट्रंप के इस दावे के ठीक बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की सफाई आई है, जो इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को राजनीतिक दबाव के बजाय, राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर पूरा करता रहेगा।

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  • Washington

Published : 
  • 16 October 2025, 12:51 PM IST