थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद: पांच दिन चले संघर्ष के बाद मलयेशिया में युद्धविराम, फिर भी तनाव जारी

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पांच दिनों तक चले खूनी संघर्ष के बाद मलयेशिया में अमेरिकी दबाव में बिना शर्त युद्धविराम हुआ। हालांकि युद्धविराम के बाद भी दोनों देशों के बीच तनाव खत्म नहीं हुआ और एक-दूसरे पर फायरिंग का आरोप लगाया गया। इस सीमा विवाद के चलते अब तक 35 लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए हैं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 29 July 2025, 12:49 PM IST
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New Delhi: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया था। दोनों देशों के सैनिकों के बीच पांच दिनों तक खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें दर्जनों की जान गई और लाखों लोग विस्थापित हुए। सोमवार को मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की मध्यस्थता में अमेरिका के दबाव के चलते बिना शर्त युद्धविराम का ऐलान किया गया, लेकिन यह शांति लंबे समय तक कायम नहीं रह सकी।

गोलीबारी करने का आरोप

मध्यरात्रि से लागू हुए इस युद्धविराम के बावजूद मंगलवार सुबह थाईलैंड ने कंबोडिया पर कई जगहों से गोलीबारी करने का आरोप लगाया। थाईलैंड की सेना ने इसे युद्धविराम का जानबूझकर उल्लंघन करार दिया और इसे भरोसे को ठेस पहुंचाने वाला कदम बताया। मेजर जनरल विथाई लाईथोम्या ने कहा कि थाई सेना ने केवल जवाबी और रक्षात्मक कार्रवाई की है।

वहीं कंबोडिया ने थाईलैंड के इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेटा ने साफ किया कि युद्धविराम के बाद से किसी भी मोर्चे पर कोई सशस्त्र संघर्ष नहीं हुआ है। उनका कहना था कि कंबोडिया की सरकार और सेना पूरी दृढ़ता से युद्धविराम को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देशों के सैन्य कमांडर मंगलवार को बैठक करेंगे, जो शांति बहाली की दिशा में एक अहम कदम होगा।

सुरक्षा बहाल करने की दिशा में पहला सकारात्मक कदम

मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की भूमिका इस विवाद में मध्यस्थता की रही, जिन्होंने इसे तनाव कम करने और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में पहला सकारात्मक कदम बताया। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस युद्धविराम का स्वागत करते हुए कहा कि अमेरिकी प्रशासन दोनों सरकारों से उम्मीद करता है कि वे समझौते का पूरी तरह पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप भी इस संघर्ष को तुरंत खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कुछ सीमा क्षेत्रों में शांति लौटने लगी है, और संघर्ष के चलते विस्थापित हुए लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पूरे सीमा क्षेत्र में स्थायी शांति कायम हो गई है या कहीं-कहीं तनाव अभी भी बरकरार है।

संघर्ष पिछले गुरुवार को शुरू हुआ

यह संघर्ष पिछले गुरुवार को शुरू हुआ था, जब सीमा पर हुए एक लैंड माइंस विस्फोट में पांच थाई सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी और हमले करने के आरोप लगाए। अब तक इस सीमा विवाद में लगभग 35 लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 2.6 लाख लोग दोनों देशों में विस्थापित हो चुके हैं।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लगभग 800 किलोमीटर लंबी सीमा दशकों से विवादित रही है। हालांकि पहले ये टकराव सीमित पैमाने पर ही होते थे, लेकिन मई में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद हालात बिगड़ने लगे और तनाव बढ़ गया। इस सीमा विवाद ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को भी प्रभावित किया है और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बनकर उभरा है।

इस बीच मलयेशिया के प्रयासों और अमेरिकी दबाव के बावजूद अभी दोनों देशों के बीच पूर्ण शांति स्थापित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सीमा विवाद का स्थायी समाधान तभी संभव होगा जब दोनों पक्ष मिलकर पारस्परिक विश्वास और कूटनीतिक वार्ता के जरिए विवादों को सुलझाएं।

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