

रूस ने कहा है कि अमेरिकी और यूरोपीय देश यूक्रेन को सुरक्षा नहीं दे सकते। फ्रांस सहित 26 देश सुरक्षा गारंटी की बात कर रहे हैं लेकिन रूस इसे खारिज कर रहा है। युद्ध रुकने के बजाय और भी जटिल होता जा रहा है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव
New Delhi: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच रूस ने एक बड़ा बयान देते हुए पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका पर सीधा निशाना साधा है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्पष्ट कहा है कि अमेरिकी और यूरोपीय सैनिक यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने में सक्षम नहीं हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया के कई देश यूक्रेन को सैन्य और कूटनीतिक समर्थन देने की बात कर रहे हैं।
पेस्कोव ने शुक्रवार, 5 सितंबर को रूसी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, क्या विदेशी, खासकर यूरोपीय और अमेरिकी सैन्य टुकड़ियां यूक्रेन को सुरक्षा और गारंटी दे सकती हैं? बिल्कुल नहीं, वे नहीं दे सकते। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों की कोशिशें व्यर्थ हैं और नाटो का विस्तार ही इस युद्ध की मुख्य वजह है।
रूस लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि नाटो द्वारा यूक्रेन को अपने पाले में खींचने की कोशिश ही इस संघर्ष का कारण है। क्रेमलिन का मानना है कि पश्चिमी हस्तक्षेप और सैन्य विस्तार रूस की सुरक्षा के लिए खतरा है, और वह किसी भी कीमत पर इसे स्वीकार नहीं करेगा।
यूक्रेन पर रूस का बड़ा बयान
इस बयान से साफ है कि रूस युद्ध खत्म करने के मूड में नहीं है और वह किसी भी तरह की पश्चिमी सैन्य भागीदारी को गंभीर खतरे के रूप में देख रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन को लगातार सैन्य सहायता और हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं।
Russia Ukraine War: रूस के एयरबेस पर यूक्रेन का बड़ा ड्रोन हमला, कई बमवर्षक विमानों को मारने का दावा
यूक्रेन को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 26 देश यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के लिए तैयार हैं और वे सैनिक भेजने को भी राजी हैं। 'फ्रांस 24' की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों ने कहा, 'यह पहली बार है जब यूक्रेन को इस स्तर पर समर्थन मिल रहा है। सैनिकों की तैनाती आक्रमण को रोकने के लिए की जा रही है।'
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का बड़ा बयान
इसका मतलब यह है कि एक ओर रूस सुरक्षा गारंटी को खारिज कर रहा है, तो दूसरी ओर पश्चिमी देश उसे मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन यह स्थिति युद्ध को और जटिल बना रही है। यूक्रेन को भी इस युद्ध में भारी नुकसान हुआ है- बड़ी संख्या में नागरिकों की जान गई है, शहर तबाह हुए हैं और अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई है।
रूसी हमलों का जवाब देने के लिए यूक्रेन भी लगातार मिसाइल और ड्रोन अटैक कर रहा है। लेकिन हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ते जा रहे हैं। वैश्विक नेता जैसे डोनाल्ड ट्रंप भी इस संघर्ष को समाप्त करने की पहल कर चुके हैं, मगर कोई ठोस समाधान निकलता नहीं दिख रहा। इस बयानबाजी के दौर में सवाल यह है कि क्या यूक्रेन को वास्तव में सुरक्षा मिलेगी या यह लड़ाई और लंबी खिंचेगी।