

रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इसके बाद रूस, जापान और अमेरिका के तटीय इलाकों में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंपों की सूची में इसका नाम दर्ज हो सकता है।
भूकंप ने मचाई तबाही (Img: Google)
New Delhi: रूस के कामचटका प्रायद्वीप में तड़के आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यह भूकंप समुद्र के भीतर बेहद कम गहराई, लगभग 19.3 किलोमीटर पर आया, जिससे सतह पर तेज झटके महसूस किए गए और सुनामी का खतरा और बढ़ गया।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) और जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने इसकी पुष्टि की है और रूस, जापान और अमेरिका के कई तटीय इलाकों में सुनामी चेतावनी (Tsunami Watch) जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, समुद्र में तीन फीट तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिससे तटीय इलाकों में तबाही की आशंका है।
भूकंप के वीडियो वायरल
भूकंप के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें इमारतों को हिलते और लोगों को अफरा-तफरी में भागते देखा जा सकता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई वर्षों बाद इतने तीव्र झटके महसूस किए गए हैं। वहीं मौसम विभाग और प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी होते ही लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर निकलने लगे। कुछ जगहों पर समुद्र में उथल-पुथल शुरू हो चुकी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
जापान, अमेरिका और अन्य देशों में अलर्ट
भूकंप के झटकों के बाद जापान और अमेरिका के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों, विशेषकर कैलिफोर्निया और हवाई में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को तत्काल खाली कराया गया है, ताकि 2011 जैसी त्रासदी दोहराई न जाए।हवाई द्वीप में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है क्योंकि लोग जल्द से जल्द खतरे की जगहों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।
इतिहास में दर्ज बड़े भूकंपों में एक और नाम जुड़ा
कामचटका का यह भूकंप अब दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंपों की सूची में शामिल हो सकता है। आइए नजर डालते हैं अब तक के कुछ सबसे बड़े भूकंपों पर-
चिली (1960) – रिक्टर स्केल: 9.5- अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप, जिसमें 1,655 लोगों की मौत और 20 लाख से अधिक लोग बेघर हुए।
अलास्का, अमेरिका (1964) – रिक्टर स्केल: 9.2- "गुड फ्राइडे भूकंप" में 130 लोगों की मौत और अरबों डॉलर का नुकसान।
सुमात्रा, इंडोनेशिया (2004) – रिक्टर स्केल: 9.1- इस भूकंप के कारण आई सुनामी में 2.8 लाख से अधिक मौतें हुईं।
तोहोकू, जापान (2011) – रिक्टर स्केल: 9.1- भूकंप और सुनामी से 15,000 से अधिक लोग मारे गए।
कामचटका, रूस (1952) – रिक्टर स्केल: 9.0- सुनामी की लहरें हवाई तक पहुंचीं, करोड़ों का नुकसान हुआ।
चिली (2010) – रिक्टर स्केल: 8.8- 523 लोगों की मौत और लाखों घर तबाह।
इक्वाडोर (1906) – रिक्टर स्केल: 8.8- भीषण सुनामी के साथ 1,500 लोगों की मौत।
अलास्का (1965) – रिक्टर स्केल: 8.7- 35 फीट ऊंची सुनामी, लेकिन कम आबादी वाले क्षेत्र में आया।
अरुणाचल प्रदेश, भारत (1950) – रिक्टर स्केल: 8.6 -भारी तबाही और 780 लोगों की मौत।
सुमात्रा, इंडोनेशिया (2012) – रिक्टर स्केल: 8.6- कम नुकसान लेकिन झटके बेहद तेज थे।
कामचटका में इससे पहले 1952 में आए 9.0 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी और हवाई तक सुनामी की लहरें पहुंची थीं।
सरकारी प्रयास और आपात तैयारी
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को भूकंप की जानकारी मिलते ही एक आपात समिति का गठन किया गया। इस समिति को जानकारी एकत्र करने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने का काम सौंपा गया है। रूस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं और एक किंडरगार्टन क्षतिग्रस्त हुआ है। फिलहाल किसी बड़े जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।