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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोप को चेतावनी दी है कि अगर कोई युद्ध की शुरुआत करता है तो रूस पूरी तरह तैयार है। यह बयान अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए होने वाली शांति वार्ता से पहले आया।
राष्ट्रपति पुतिन ने यूरोप को दिया कठोर इशारा
New Delhi: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को यूरोप को बड़ा संदेश देते हुए चेतावनी दी कि यदि यूरोप युद्ध की शुरुआत करता है तो रूस पूरी तरह तैयार है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता होने वाली थी। पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर आरोप लगाया कि वे अमेरिका की शांति प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए शांति वार्ता को बिगाड़ना चाहते हैं और रूस के लिए अस्वीकार्य मांगें रखने की कोशिश कर रहे हैं।
पुतिन ने कहा, "हम यूरोप के साथ युद्ध करने की कोई योजना नहीं बना रहे हैं, लेकिन अगर यूरोप युद्ध चाहता है और इसकी शुरुआत करता है, तो हम भी पूरी तरह तैयार हैं। वे शांति के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि युद्ध के समर्थन में हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई शांति योजना में यूरोपीय पक्ष द्वारा किए गए बदलाव सिर्फ शांति प्रक्रिया को रोकने और रूस के लिए अस्वीकार्य शर्तें लगाने के उद्देश्य से हैं।
इस वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति ट्रंप के दामाद जेरेड कुश्नर मॉस्को में मौजूद थे। चार साल से चल रहे यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं। रूस और अमेरिका के बीच शांति वार्ता का उद्देश्य युद्धविराम और स्थायी शांति स्थापना के रास्ते खोजना है।
अमेरिका ने इस वार्ता के लिए 28 बिंदुओं का मसौदा तैयार किया, जिसमें युद्ध को रोकने और रूस की मांगों को देखते हुए शांति स्थापित करने के उपाय सुझाए गए। हालांकि, यूरोपीय नेताओं ने इस योजना में बदलाव किए, जिससे कीव और यूरोप को सुरक्षा एवं राजनीतिक लाभ सुनिश्चित हो सके। पुतिन का आरोप है कि यूरोपीय बदलावों का उद्देश्य अमेरिका की शांति योजना को कमजोर करना और रूस के लिए अस्वीकार्य शर्तें रखना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस शांति योजना का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह मसौदा रूस की मांगों के प्रति संतुलित नजर आता है और इससे यूक्रेन युद्ध का जल्द समाधान हो सकता है। लेकिन यूरोपीय देशों की चिंताएं इसके विपरीत हैं। उन्हें डर है कि इस योजना से कीव को रूस के दबाव में आने के लिए मजबूर किया जा सकता है और यूरोप की सुरक्षा पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पुतिन ने इस संदर्भ में कहा, "युद्ध को समाप्त करने की अमेरिकी योजना में यूरोप ने जो बदलाव किए, उनका उद्देश्य सिर्फ शांति प्रक्रिया को रोकना और रूस को मजबूर करना है कि वह ऐसी मांगें स्वीकार करे, जो उसके लिए बिल्कुल अस्वीकार्य हों। हम इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं।"
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पुतिन का यह बयान न केवल अमेरिका की शांति वार्ता को लेकर बल्कि यूरोप को लेकर भी एक सख्त संदेश माना जा रहा है। रूस की यह चेतावनी इस बात का संकेत देती है कि यदि यूरोप युद्ध को बढ़ावा देता है, तो रूस किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेगा।
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