फ्रांस में बजट कटौती के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, हड़ताल और प्रदर्शन के बीच हालात संभालने के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात

फ्रांस में गुरुवार को बजट कटौती और सामाजिक कल्याण योजनाओं में बदलाव के खिलाफ सभी प्रमुख श्रमिक संगठनों ने हड़ताल और प्रदर्शनों का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकोर्नू विपक्ष के साथ घाटा और कर्ज कम करने पर चर्चा कर रहे हैं, वहीं सड़कों पर भारी विरोध और अव्यवस्था की आशंका जताई जा रही है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 18 September 2025, 1:20 PM IST
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Paris: फ्रांस की नई सरकार को बजट कटौती और सख्त आर्थिक उपायों के खिलाफ भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को सभी प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने देशभर में हड़ताल और सड़क पर उतरने का ऐलान किया है। यूनियनों का कहना है कि प्रस्तावित कदम गरीब, मध्यमवर्गीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर और बोझ डालेंगे।

प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकोर्नू ने हाल ही में पदभार संभाला है और विपक्ष के नेताओं से मिलकर देश के भारी घाटे और कर्ज को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यूनियनें उनसे साफ मांग कर रही हैं कि उनके पूर्ववर्ती द्वारा तैयार बजट मसौदे को तुरंत वापस लिया जाए।

“अभूतपूर्व क्रूरता” कहकर किया विरोध

सभी यूनियनों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि पूर्व सरकार ने जिन कदमों की योजना बनाई थी, वे “अभूतपूर्व क्रूरता” दर्शाते हैं। बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि पिछले शासन ने मजदूरों, अस्थायी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और बीमार लोगों पर बोझ डालने का रास्ता चुना।

संगठनों का यह भी कहना है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा हाल में लागू की गई पेंशन सुधार योजना जिसमें सेवानिवृत्ति की न्यूनतम आयु 62 से बढ़ाकर 64 साल की गई, पहले से ही जनता को नाराज कर चुकी है।

France Protests

फ्रांस में बजट कटौती

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

पूर्व आंतरिक मंत्री ब्रूनो रिटायो ने कहा है कि गुरुवार को “बहुत बड़ा जनसमूह” सड़कों पर उतर सकता है। उन्होंने बीएफएम टीवी से बातचीत में बताया कि देशभर में लगभग 80,000 पुलिस और जेंडरमेरी अधिकारी तैनात किए जाएंगे।

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि सुबह से ही कुछ कट्टरपंथी समूह सड़कें जाम करने, तोड़फोड़ और हिंसा करने की कोशिश कर सकते हैं। शाम को कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

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परिवहन और सेवाओं पर असर

हड़ताल का असर कई अहम क्षेत्रों पर पड़ने वाला है। सार्वजनिक परिवहन, अस्पताल और स्कूल प्रभावित होंगे।

रेल सेवा: राष्ट्रीय रेल कंपनी एसएनसीएफ ने बताया कि हाई-स्पीड ट्रेनों पर केवल “कुछ व्यवधान” होंगे और ज्यादातर ट्रेनें चलेंगी। हालांकि, क्षेत्रीय रेल, पेरिस मेट्रो और कम्यूटर ट्रेनों पर असर ज्यादा देखने को मिलेगा।

हवाई सेवा: हवाई अड्डों पर ज्यादा दिक्कत की आशंका नहीं है क्योंकि मुख्य एयर ट्रैफिक कंट्रोल यूनियन ने नई कैबिनेट नियुक्ति तक अपनी हड़ताल की योजना स्थगित कर दी है।

पिछली बार का प्रदर्शन

बीते हफ्ते हुए एक विरोध प्रदर्शन में फ्रांस की सड़कों पर धुआं, बैरिकेड्स और आगजनी देखने को मिली थी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। हालांकि उस अभियान ने “सब कुछ बंद करो” जैसी अपनी घोषणा पूरी नहीं की, लेकिन फिर भी उसने देशभर में सैकड़ों जगहों पर अव्यवस्था फैलाई थी।

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नतीजे का इंतजार

फिलहाल सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि गुरुवार को प्रदर्शन कितने व्यापक होते हैं और सरकार इन आक्रोशित यूनियनों को कैसे संभालती है। लेकोर्नू की नई सरकार के लिए यह पहली बड़ी चुनौती होगी, जो उनके भविष्य की राजनीतिक दिशा भी तय कर सकती है।

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