

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एंटीफा को एक ‘प्रमुख आतंकवादी संगठन’ घोषित कर दिया है। यह घोषणा उनके करीबी सहयोगी और दक्षिणपंथी नेता चार्ली किर्क की हत्या के बाद आई है। ट्रंप ने एंटीफा के फंडिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की धमकी दी।
ट्रंप का एंटीफा पर कड़ा रुख
Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 18 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने एंटीफा (ANTIFA) को एक "प्रमुख आतंकवादी संगठन" घोषित कर दिया। यह कदम उनके करीबी सहयोगी और दक्षिणपंथी राजनीतिक कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या के बाद उठाया गया है, जिसने अमेरिका में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। ट्रंप की यह घोषणा उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट के माध्यम से सामने आई, जिसमें उन्होंने एंटीफा को एक "बीमार, खतरनाक और कट्टरपंथी वामपंथी आपदा" बताया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा, "मुझे अपने सभी अमेरिकी देशभक्तों को यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि मैं एंटीफा को एक बीमार, खतरनाक, कट्टरपंथी वामपंथी आपदा मानता हूं और इसे एक प्रमुख आतंकवादी संगठन घोषित कर रहा हूं।" इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी कि एंटीफा को फंडिंग करने वालों की "हाई लेवल जांच" की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। ट्रंप का यह कदम उनकी प्रशासनिक नीतियों का हिस्सा प्रतीत होता है, जो कड़ी सुरक्षा और आंतरिक आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पर जोर देती हैं।
ट्रंप का एंटीफा पर कड़ा रुख
यह घोषणा खासतौर पर चार्ली किर्क की हत्या के बाद आई है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने वामपंथी समूहों की हिंसा को लेकर सख्त रवैया अपनाया था। सोमवार को व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने कहा कि चार्ली किर्क ने उन्हें अपनी हत्या से पहले एक आखिरी संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने वामपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत का आह्वान किया था। मिलर ने यह भी वादा किया कि संघीय सरकार इन समूहों को समाप्त करने के लिए हर संभव संसाधन का इस्तेमाल करेगी। इस संदेश के बाद, ट्रंप ने एंटीफा के खिलाफ अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दिखाई।
एंटीफा, या 'एंटी-फासिस्ट', एक उग्र वामपंथी आंदोलन है, जिसका उद्देश्य फासीवादी, नस्लवादी, और दक्षिणपंथी अतिवादियों के खिलाफ प्रतिरोध करना है। यह आंदोलन विशेष रूप से उन समूहों के विरोध में सक्रिय है जो अति-राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा देते हैं। सामरिक एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र (CSIS) के अनुसार, एंटीफा एक नेटवर्क है, जिसमें अराजकतावादी और वामपंथी विचारधारा के समर्थक शामिल होते हैं। इस समूह का एक प्रमुख प्रतीक 1917 की रूसी क्रांति का लाल झंडा है, और इसके सदस्यों के बीच 19वीं सदी के अराजकतावादी विचारों का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जाता है।
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ट्रंप की घोषणा के बाद, एंटीफा और उनके समर्थकों के खिलाफ संघीय सरकार ने जांच शुरू करने की बात कही है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा, "हम हर स्तर पर एंटीफा को समाप्त करने के लिए काम करेंगे, और जो लोग इस समूह को फंड कर रहे हैं, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।" ट्रंप का यह कदम अमेरिकी समाज में बढ़ती राजनीतिक हिंसा और अराजकता के बीच सुरक्षा की स्थिति को मजबूत करने के लिए एक रणनीति माना जा सकता है।