पाकिस्तान में नरसंहार: TLP के 280 कार्यकर्ताओं की हत्या, मौलाना साद समेत कई घायल

पाकिस्तान के मुरीदके शहर में रेंजर्स और पुलिस ने 280 से अधिक TLP कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी। इस्लामाबाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे टीएलपी के सदस्यों पर यह हमला हुआ, जिसमें प्रमुख मौलाना साद भी घायल हो गए।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 13 October 2025, 4:26 PM IST
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Muridke: पाकिस्तान के मुरीदके शहर में सोमवार, 13 अक्टूबर को एक खौफनाक घटना घटी, जब पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी शुरू कर दी। महज तीन घंटे के भीतर 280 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए और 1900 से ज्यादा लोग घायल हो गए। यह नरसंहार पंजाब प्रांत के शेखपुरा जिले के मुरीदके शहर में हुआ, जब TLP के कार्यकर्ता इस्लामाबाद की तरफ मार्च करते हुए अमेरिका और इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए लाहौर से निकले थे।

कैसे हुई घटना की शुरुआत?

पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने तड़के करीब 4 बजे TLP के हजारों कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद जाने से रोकने के लिए पहले स्मोक ग्रेनेड फेंके और फिर लगभग सुबह 9 बजे तक गोलीबारी शुरू कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गोलीबारी के दौरान टीएलपी के प्रमुख मौलाना साद हुसैन रिजवी भी घायल हो गए।

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मौलाना साद की अपील

घटना के दौरान मौलाना साद हुसैन रिजवी ने पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस से गोलीबारी बंद करने की अपील की। TLP ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने जानबूझकर उनके कार्यकर्ताओं पर गोली चलाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इसके अलावा, रेंजर्स और पुलिस ने TLP के मंच को भी आग के हवाले कर दिया, जिससे प्रदर्शनकारियों के लिए एक और बड़ा धक्का था।

सरकार की प्रतिक्रिया

TLP ने शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। इसके विरोध में पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने पहले लाहौर में गोलीबारी की थी, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। लेकिन टीएलपी के नेता मौलाना साद रिजवी ने सरकार के साथ बातचीत के बावजूद मार्च जारी रखने का फैसला किया। शनिवार रात को मुरीदके पहुंचने के बाद, दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। अंततः रविवार रात 11 बजे टीएलपी के प्रमुख ने इस्लामाबाद कूच का ऐलान किया, जिस पर सुरक्षा बलों ने बिना कोई चेतावनी दिए गोलीबारी शुरू कर दी।

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मुलाकात के बाद की गोलीबारी

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच 12 अक्टूबर की रात एक आपातकालीन बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के बिगड़ते हालात पर चर्चा की गई थी। यह बैठक संभवतः उस गोलीबारी की पटकथा के रूप में सामने आई, जो सोमवार को मुरीदके में हुई।

पाकिस्तान में निहत्थों पर गोलीबारी का बढ़ता ट्रेंड

यह घटना पाकिस्तान में निहत्थे लोगों पर गोलीबारी की तीसरी बड़ी घटना है। इससे पहले, 29 सितंबर और 1 अक्टूबर को पाकिस्तान के पीओके में पुलिस और रेंजर्स ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 19 लोग मारे गए थे। इसके बाद 6 अक्टूबर को लाहौर में फिर से गोलीबारी हुई, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। अब इस ताजा घटना के बाद मरने वालों की संख्या 280 तक पहुंच गई है और आंकड़े बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

पाकिस्तानी सरकार को इस नरसंहार के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि यह घटना न सिर्फ देश में, बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुकी है।

Location : 
  • Muridke

Published : 
  • 13 October 2025, 4:26 PM IST