जैश-ए-मोहम्मद का नया कदम: महिलाओं का ब्रिगेड ‘जमात-उल-मोमिनात’ बना, जानें क्या है इसका मतलब?

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार महिलाओं के लिए एक अलग विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ का गठन किया है। इस ब्रिगेड का नेतृत्व सादिया अजहर कर रही हैं, जो संगठन के सरगना मसूद अजहर की बहन हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 9 October 2025, 3:20 PM IST
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New Delhi: पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए पहली बार महिलाओं के लिए एक अलग विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ का गठन किया है। यह विंग JeM के मुख्यालय बहावलपुर के मर्कज उस्मान-ओ-अली में 8 अक्टूबर 2025 से शुरू हो चुका है। इस विंग का नेतृत्व सादिया अजहर कर रही हैं, जो मसूद अजहर की बहन हैं।

भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत

सादिया अजहर के नेतृत्व में ‘जमात-उल-मोमिनात’ विंग के लिए भर्ती शुरू हो गई है। भर्ती प्रक्रिया में विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि महिलाएं जिनके पास आर्थिक स्थिति कमजोर है या जो JeM के केंद्रों में पढ़ाई कर रही हैं, उन्हें शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, कमांडरों की पत्नियों को भी इस विंग में शामिल किया जा रहा है। इन केंद्रों में बहावलपुर, कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर और मंसहरा जैसे शहर शामिल हैं, जहां महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो चुका है।

Women Terrorism

प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)

क्यों किया गया यह फैसला?

पहले तक JeM जैसे देवबंदी विचारधारा वाले संगठन महिलाओं को आतंकवादी गतिविधियों, खासकर शिकार के तौर पर हथियारबंद जिहाद में हिस्सा लेने से रोकते थे। लेकिन पिछले कुछ समय से घटनाओं ने उनकी सोच को बदल दिया है। विशेषकर पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद JeM ने महिलाओं को अपनी ऑपरेशनल टीम में शामिल करने का निर्णय लिया। इस बदलाव के जरिए संगठन अपनी ताकत को और बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।

2महिलाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करना

पहले तक महिलाओं का इस्तेमाल आतंकी संगठनों द्वारा केवल सुसाइड बॉम्बर्स के रूप में किया जाता था, जैसा कि ISIS, बोको हराम और हमास जैसे समूहों ने किया है। लेकिन JeM के लिए यह एक नई दिशा है, और अब यह संभावना जताई जा रही है कि इस संगठन ने महिलाओं को अपने ऑपरेशनल गतिविधियों में शामिल करने का मार्गदर्शन किया है। सूत्रों का मानना है कि JeM भविष्य में महिला सुसाइड बॉम्बर्स की ट्रेनिंग देने का भी इरादा रखता है।

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भारत के लिए खतरे की घंटी!

JeM द्वारा महिलाओं को अपने आतंकवादी संगठन में शामिल करना भारत के लिए एक गंभीर खतरे की घंटी हो सकता है। पहले महिलाएं आमतौर पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं होती थीं, लेकिन अब यह बदलाव भारत की सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती पेश कर रहा है। महिलाओं के समूह के शामिल होने से छिपकर हमलों और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना आसान हो जाएगा।

भारत को अपनी सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत

JeM के इस कदम से भारत की सीमाओं पर और भी अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। महिलाएं आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकती हैं, इसलिए उनकी पहचान करना और सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करना बहुत जरूरी है। भारत को अपनी इंटेलिजेंस और बॉर्डर सिक्योरिटी को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की घटनाओं से निपटा जा सके।

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JeM की नई रणनीति

JeM का यह नया कदम आतंकवाद की पुरानी रणनीति को चुनौती देता है। संगठन अब महिलाओं को अपने आतंकी समूह में शामिल करके, आतंकवादी गतिविधियों को और अधिक प्रभावशाली और खतरनाक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह बदलाव दर्शाता है कि JeM अपनी रणनीति में समय के साथ बदलाव लाकर अपनी ताकत को और बढ़ाना चाहता है।

अंतरराष्ट्रीय दबाव की आवश्यकता

भारत सरकार को अब और अधिक दबाव बनाने की जरूरत है, ताकि JeM को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निष्क्रिय किया जा सके। मसूद अजहर और उनके भाई तल्हा अल-सैफ ने मिलकर इस नई रणनीति पर काम किया है, और अब समय आ गया है कि भारत और अन्य देशों को मिलकर इस संगठन के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 9 October 2025, 3:20 PM IST