

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के कश्मीर और सिंधु जल संधि संबंधी बयानों की कड़ी आलोचना की और आतंकवाद बढ़ावा देने के आरोप लगाए। भारत की प्रतिनिधि पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा की गई नाटकीयता और बयान उसकी विदेशी नीति में आतंकवाद की महत्ता को उजागर करते हैं।
पाकिस्तान ने चीन को बताया भरोसेमंद साथी (Img: Google)
New Delhi: संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कश्मीर और सिंधु जल संधि संबंधी बयानों की कड़ी आलोचना की। शुक्रवार, 26 सितंबर को भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उसका रुख निशाने पर लिया। भारत की प्रतिनिधि पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा की गई नाटकीयता और बयान उसकी विदेशी नीति में आतंकवाद की महत्ता को उजागर करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि झूठ और नाटक से सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता।
गहलोत ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान ने इस वर्ष की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थलों पर हुए नरसंहार के मामले में एक 'पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकवादी संगठन' का बचाव किया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 25 अप्रैल 2025 को सुरक्षा परिषद में इस संगठन को उसके कृत्यों से बचाया।
भारत की प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के चरमपंथियों को संरक्षण देने के लंबे इतिहास का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक छिपाया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केवल दिखावा किया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
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इसके अलावा उनके मंत्री हाल ही में स्वीकार कर चुके हैं कि वे दशकों से आतंकवादी शिविर चला रहे हैं। गहलोत ने इसे पाकिस्तान की दोहरी नीति का उदाहरण बताया, जो अब प्रधानमंत्री स्तर तक पहुंच गई है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दा उठाया और कश्मीरियों को आश्वस्त किया कि पाकिस्तान उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों के 'स्व-निर्णय के मौलिक अधिकार' का समर्थन करते हुए यह प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र के नियंत्रण में निष्पक्ष जनमत संग्रह के माध्यम से होनी चाहिए। शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद की सभी प्रकारों की निंदा करता है और विदेशी समर्थित समूह जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी को लक्षित करने का आरोप लगाते हैं। भारत ने इस बयान को सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने के प्रयास के रूप में खारिज किया।
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सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान ने भारत पर अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। शहबाज शरीफ ने कहा कि उनके लिए किसी भी तरह का उल्लंघन युद्ध के समान है। भारत ने 1960 में हुई इस संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर दी थी, जब पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि संधि तब ही बहाल होगी जब पाकिस्तान सीमापार हिंसा समाप्त करने के ठोस और सत्यापन योग्य कदम उठाएगा।