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इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हालात विस्फोटक हो चुके हैं। PTI नेताओं और समर्थकों ने अडियाला जेल की ओर मार्च शुरू कर दिया है, जबकि सेना ने सुरक्षा बढ़ा दी है। मुनीर के CDF नोटिफिकेशन और इमरान पर कथित अत्याचार को लेकर पाकिस्तान राजनीतिक संकट में प्रवेश कर चुका है।
पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात
Pakistan: पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल अपने चरम पर पहुंच गई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के 29 दिन बाद भी उनसे किसी भी तरह का संपर्क नहीं हो पाया है। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने अडियाला जेल की ओर विशाल विरोध मार्च की घोषणा की है। हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि कई मीडिया संस्थान और सुरक्षा विशेषज्ञ इसे ‘गृह युद्ध की शुरुआत’ बता रहे हैं।
इस बीच इमरान की बहन नोरीन नियाज़ी का बड़ा बयान आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि जेल में इमरान को कैद-ए-तन्हाई में रखकर उनपर गंभीर अत्याचार किए जा रहे हैं। नोरीन का कहना है कि “मुनीर चाहे तो इमरान से किसी एक व्यक्ति की भी मुलाकात करवा सकता है, ताकि हालात न बिगड़ें।”
इमरान खान के समर्थक काफिलों में अडियाला जेल की ओर बढ़ना शुरू हो चुके हैं। पीटीआई सांसद, विधायक और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी भी इस विरोध मार्च में हिस्सा लेने वाले हैं। इससे पहले पीटीआई के नेता इस्लामाबाद हाई कोर्ट का घेराव करेंगे और फिर वहां से रावलपिंडी में अडियाला जेल तक मार्च करेंगे। इमरान की बहनें भी जेल के बाहर पहुंच चुकी हैं और परिवार से मुलाकात की मांग कर रही हैं।
प्रदर्शनकारियों की योजना है कि हाई कोर्ट के बाहर विरोध के बाद सभी काफिले जेल के दरवाजे पर विशाल प्रदर्शन करेंगे। रावलपिंडी जाने वाले सभी मुख्य मार्ग बंद कर दिए गए हैं और अडियाला जेल के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात है। इसके अलावा इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी गई है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
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पाकिस्तान में वर्तमान तनाव की मुख्य वजह यह है कि इमरान से किसी भी व्यक्ति, वकील या परिवार को मिलने की अनुमति नहीं दी गई है। पाक मीडिया का दावा है कि जब तक सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का CDF (चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स) नोटिफिकेशन जारी नहीं होता, किसी को भी इमरान से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुनीर के नोटिफिकेशन को लेकर पाकिस्तान में बड़ी राजनीतिक खींचतान जारी है। सूत्रों के मुताबिक, सेना में अभी चार अहम पद खाली हैं CDF, आर्मी वाइस चीफ, स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख और ISI चीफ की पोस्ट। स्ट्रैटेजिक कमांड का पद सबसे संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि इसी के पास पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है।
पाकिस्तान में चल रही उथल-पुथल के बीच शहबाज़ शरीफ लाहौर पहुंचे हैं, जहां उनकी बड़ी भाई और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज़ शरीफ से मुलाकात हो रही है। अंदरुनी सूत्रों के अनुसार, यह बैठक इमरान खान और जनरल मुनीर के मुद्दे पर ही केंद्रित है। माना जा रहा है कि सेना और सरकार के बीच बढ़ती तनातनी को देखते हुए भविष्य की रणनीति तैयार की जा रही है। कई विश्लेषकों का मानना है कि मुनीर का CDF नोटिफिकेशन रुकना, सेना में आंतरिक असंतोष का संकेत है, और यह स्थिति पाकिस्तान को और गहरे संकट में धकेल सकती है।
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मुनीर ने अडियाला जेल के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि आज रावलपिंडी में PTI समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच गंभीर टकराव हो सकता है। इमरान खान की बहनों के साथ 6 वकील भी मुलाकात के लिए जेल पहुंचे हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई अनुमति नहीं दी है।
सरकार और सेना किसी भी सूरत में इमरान से मुलाकात नहीं करवाना चाहती, जबकि समर्थक इसे ‘रेड लाइन’ मान चुके हैं। आज इस्लामाबाद से रावलपिंडी तक पूरा इलाका बारूद के ढेर पर बैठा है। भीड़ बढ़ते ही किसी भी समय हालात नियंत्रण से बाहर जा सकते हैं।
पाकिस्तान की राजनीति में पिछले कुछ महीनों से उबाल जारी है, लेकिन इमरान से मुलाकात रोकने, मुनीर के नोटिफिकेशन के अटकने और पीटीआई के देशव्यापी आंदोलन ने हालात को बेहद खतरनाक बना दिया है। अगर आज अडियाला जेल के बाहर स्थिति बिगड़ती है, तो यह पाकिस्तान के लिए गृह युद्ध जैसे हालात पैदा कर सकती है। राजनीतिक अस्थिरता, प्रशासन की टकराहट और सेना की अंदरूनी खींचतान ने पाकिस्तान को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है जहां कोई भी निर्णय भविष्य की दिशा तय करेगा।