Iran-Israel War: ईरान पर अमेरिका का ऑपरेशन मिडनाइट हैमर, अचानक बढ़ा सैन्य तनाव, 25 मिनट में की तबाही

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर महज 25 मिनट के भीतर सटीक और घातक हमले किए।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 June 2025, 7:55 PM IST
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नई दिल्ली: अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने शनिवार को एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि अमेरिकी वायुसेना ने 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर महज 25 मिनट के भीतर सटीक और घातक हमले किए। पेंटागन के अनुसार, इस हमले का मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना था, न कि युद्ध को बढ़ावा देना।

पेंटागन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा, "यह मिशन शासन परिवर्तन के लिए नहीं था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे केवल राष्ट्रीय हितों की रक्षा और परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए अधिकृत किया।" उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान से युद्ध नहीं चाहता, बल्कि शांति की दिशा में कदम बढ़ाना चाहता है।

ऐसे हुआ हमला

रक्षा विभाग के अनुसार, अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स को पहले पश्चिम की ओर उड़ान भरते हुए देखा गया, जिससे ईरान को भ्रम हुआ कि कोई सैन्य कार्रवाई नहीं हो रही। लेकिन अचानक वे दिशा बदलकर इजरायल के वायुक्षेत्र के पास पहुंचे और वहीं से हमला शुरू किया गया।

फोर्दो परमाणु ठिकाने पर 12 GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए गए। यह ठिकाना अब तक अभेद्य माना जा रहा था। इसके अलावा दो बम नतांज साइट पर गिराए गए, जहां ईरान यूरेनियम संवर्धन का कार्य कर रहा था। अमेरिका की पनडुब्बियों से दागी गई 24 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों ने नतांज और इस्फहान ठिकानों को निशाना बनाया।

नागरिकों को नुकसान नहीं: अमेरिका

पेंटागन का दावा है कि इस हमले में केवल परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया और किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने इसे ‘शानदार सैन्य सफलता’ करार दिया और कहा कि यह ऑपरेशन ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को वर्षों पीछे ले जाएगा।

ईरान का पलटवार

वहीं, ईरान ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। तेहरान ने संयुक्त राष्ट्र में इसकी शिकायत दर्ज कराने की घोषणा की है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि उन्हें आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है और वे इस हमले का जवाब देंगे।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने इस हमले को लेकर गहरी चिंता जताई है और क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर नजर बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पश्चिम एशिया में एक नया भू-राजनीतिक संकट खड़ा कर सकता है।

ट्रंप की कड़ी चेतावनी

राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि ईरान को आगे किसी भी हमले से बचना चाहिए और शांति का रास्ता अपनाना चाहिए। अमेरिका का लक्ष्य शासन परिवर्तन नहीं, बल्कि अपने नागरिकों और सहयोगियों की सुरक्षा है।

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