AI पर गंभीर चेतावनी देने आए ख्वाजा आसिफ, खुद बन गए ट्रोलिंग के शिकार; पढ़ें पूरी खबर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों पर चेताने आए थे, लेकिन उनका भाषण बार-बार अटकता रहा। मंच पर सात बार लड़खड़ाने के बाद सोशल मीडिया पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 25 September 2025, 11:52 AM IST
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New Delhi: पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हास्यास्पद स्थिति में आना अब कोई नई बात नहीं रही। ताजा मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से जुड़ा है, जहां पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बहस में शामिल हुए। मंच पर उन्होंने AI के संभावित खतरों पर गंभीर चिंताएं तो जताईं, लेकिन खुद अपने भाषण को ठीक से प्रस्तुत नहीं कर पाए।

भाषण के दौरान सात बार अटके

यूएनएससी जैसे महत्वपूर्ण मंच पर ख्वाजा आसिफ कुल सात बार अटकते और वाक्य दोहराते नजर आए। वे शब्दों का गलत उच्चारण करते हुए भी देखे गए, जिससे न केवल उनकी बातों की गंभीरता कम हुई बल्कि पूरे भाषण की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जहां उन्हें "स्टटरिंग मिनिस्टर", "AI पर भाषण, खुद में Error" जैसे टैग के साथ जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

ख्वाजा आसिफ

AI को बताया दोधारी तलवार

अपने भाषण में ख्वाजा आसिफ ने AI को एक "दोहरे उपयोग वाली तकनीक" कहा और आगाह किया कि इसका दुरुपयोग सामाजिक असमानता बढ़ा सकता है तथा वैश्विक शांति को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने कहा कि AI सैन्य क्षेत्र में अगर बिना मानव नियंत्रण के उपयोग किया जाए तो यह युद्ध की आशंकाएं बढ़ा सकता है और कूटनीतिक प्रयासों को बाधित करेगा।

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भारत-पाक संघर्ष का उल्लेख

अपने भाषण में ख्वाजा आसिफ ने हालिया भारत-पाकिस्तान तनाव की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक परमाणु संपन्न देश ने AI आधारित हथियारों और क्रूज मिसाइलों का प्रयोग किया, जिससे इसके सैन्य दुष्परिणाम सामने आए। हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारा साफ था कि उनका निशाना भारत की ओर था।

AI के सैन्य उपयोग पर नियंत्रण की मांग

पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि एआई पर वैश्विक नियंत्रण जरूरी है, खासकर उसके सैन्य इस्तेमाल पर। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे हथियारों और प्रणालियों पर रोक लगाई जानी चाहिए जो पूरी तरह से मशीन द्वारा संचालित हों और जिनमें मानव हस्तक्षेप न हो। उनके मुताबिक AI के हथियार निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं, जिससे बातचीत और शांति की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।

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Published : 
  • 25 September 2025, 11:52 AM IST