

हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
विश्व हाइपरटेंशन दिवस
नई दिल्ली: हाई ब्लड प्रेशर को मेडिकल भाषा में हाइपरटेंशन कहा जाता है, ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg होता है, लेकिन जब यह स्तर बढ़ जाता है, तो हाइपरटेंशन की समस्या उत्पन्न होती है। इसे साइलेंट किलर (Silent Killer) भी कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते और यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी रोग और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, भारत में हर चौथा या पांचवां व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है और हैरानी की बात यह है कि अधिकांश लोगों को अपनी इस स्थिति का पता भी नहीं होता। इसीलिए, हाइपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है।
विश्व हाइपरटेंशन दिवस 2025 की थीम
विश्व हाइपरटेंशन दिवस 2025 की थीम है "Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer" है, यानी अपने रक्तचाप को सटीक तरीके से मापें, उसे नियंत्रित करें और लंबा जीवन जिएं। यह थीम लोगों को यह समझाने का प्रयास करती है कि ब्लड प्रेशर को नियमित और सही तरीके से मापना कितना जरूरी है। यह न केवल स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि लंबी उम्र के लिए भी आवश्यक है। खासकर उन देशों में, जहां स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं और लोग निम्न या मध्यम आय वर्ग से आते हैं। पिछले कुछ सालों में यह थीम बार-बार दोहराई गई है, जिससे इस बाद का संकेत मिलता है कि ब्लड प्रेशर की सही माप और प्रबंधन की आवश्यकता अभी भी बहुत अधिक है।
जानिए क्या है विश्व हाइपरटेंशन दिवस का इतिहास?
विश्व हाइपरटेंशन दिवस की शुरुआत साल 2005 में हुई थी, उस समय इसे 14 मई को मनाया गया था। हालांकि, 2006 से इसे स्थायी रूप से 17 मई को मनाया जाने लगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्व भर में लगभग 128 करोड़ लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, जिनमें से दो-तिहाई लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि लगभग आधे लोग अपनी इस स्थिति से अनजान हैं, क्योंकि हाइपरटेंशन के लक्षण आमतौर पर स्पष्ट नहीं होते। यह दिन लोगों को हाइपरटेंशन के खतरों, इसकी जटिलताओं और रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है।
हाइपरटेंशन का क्या है कारण?
हाइपरटेंशन के कई कारण हो सकते हैं-
अनहेल्दी लाइफस्टाइल: अधिक नमक का सेवन, कम शारीरिक गतिविधि और असंतुलित आहार लेना।
मोटापा: अधिक वजन हाइपरटेंशन का एक प्रमुख कारण है।
तनाव: मानसिक तनाव और चिंता भी ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकते हैं।
आनुवंशिकता: अगर परिवार में हाइपरटेंशन का इतिहास है, तो इसका जोखिम बढ़ जाता है।
धूम्रपान और शराब: ये आदतें धमनियों को नुकसान पहुंचाती हैं और ब्लड प्रेशर को बढ़ाती हैं।
अन्य बीमारियां: डायबिटीज, किडनी रोग और थायरॉइड की समस्याएं भी हाइपरटेंशन का कारण बन सकती हैं।
हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने के जानें उपाय
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। जैसे-
नियमित व्यायाम: रोजाना 30 मिनट की सैर, योग या हल्की एक्सरसाइज ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
संतुलित आहार: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद का सेवन करें। इसके लिए पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला, पालक और एवोकाडो लाभकारी हैं।
नमक का सेवन कम करें: दिन में 5-6 ग्राम से अधिक नमक का सेवन न करें।
वजन नियंत्रण: मोटापा हाइपरटेंशन का जोखिम बढ़ाता है, इसलिए वजन को नियंत्रित रखें।
तनाव प्रबंधन: मेडिटेशन, गहरी सांस लेने की तकनीक और योग तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
धूम्रपान और शराब से बचें: ये आदतें ब्लड प्रेशर को बढ़ाती हैं और हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं।
पर्याप्त नींद: रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
नियमित जांच: ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
पानी पीएं: पर्याप्त पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
कैफीन सीमित करें: अधिक कॉफी या चाय का सेवन ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है।
विश्व हाइपरटेंशन दिवस का महत्व
विश्व हाइपरटेंशन दिवस हमें ह याद दिलाता है कि हमारी सेहत की जिम्मेदारी हमारी अपनी है। हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है, जिसे समय पर पहचान कर और सही जीवनशैली अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है। विश्व हाइपरटेंशन दिवस लोगों को प्रेरित करता है कि वे अपने ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करें, स्वस्थ आदतें अपनाएं और गंभीर बीमारियों से बचें। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं, वहां जागरूकता फैलाना और भी महत्वपूर्ण है। हाइपरटेंशन के कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं, लेकिन सही जानकारी और छोटे-छोटे बदलावों से इसे रोका जा सकता है।