

इम्परफोरेट एनस एक जन्मजात विकृति है। समय पर पहचान और सर्जरी से इसका सफल इलाज संभव है। माता-पिता को सतर्क रहना चाहिए, ताकि बच्चे स्वस्थ जीवन जी सकें। आईये जानते हैं इसके बारे में सबकुछ
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-गूगल)
New Delhi: इम्परफोरेट एनस एक ऐसी जन्मजात समस्या है, जो नवजात शिशुओं में देखी जाती है। इसमें शिशु का मलद्वार या तो पूरी तरह बंद होता है या आंतों से ठीक से जुड़ा नहीं होता। इस वजह से शिशु मल त्याग नहीं कर पाता, जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। यह स्थिति हर 5,000 नवजातों में से लगभग एक को प्रभावित करती है और लड़कों में थोड़ी अधिक पाई जाती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जन्म के बाद पहले 24 घंटों में अगर शिशु मल त्याग नहीं करता, पेट में सूजन दिखाई देती है या गुदा छेद गायब है, तो यह इम्परफोरेट एनस का संकेत हो सकता है। कुछ जटिल मामलों में मल पेशाब या योनि के रास्ते बाहर आ सकता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
क्यों होती है यह अनोखी समस्या?
यह विकृति गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में भ्रूण के विकास में गड़बड़ी के कारण होती है। वैज्ञानिकों को इसका सटीक कारण पता नहीं, लेकिन यह अनुवांशिक हो सकता है। कई बार यह हृदय दोष, डाउन सिंड्रोम या किडनी की समस्याओं के साथ भी जुड़ा होता है।
पहचान और जांच का तरीका
डॉक्टर जन्म के बाद शारीरिक जांच से इसकी पहचान करते हैं। पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे या MRI जैसे टेस्ट किए जाते हैं। कुछ मामलों में मल त्याग की नली असामान्य रूप से पेशाब की नली से जुड़ी होती है, जिसे विशेष उपकरणों से जांचा जाता है।
सर्जरी है एकमात्र रास्ता
इम्परफोरेट एनस का इलाज सर्जरी से ही संभव है। अगर दोष सरल है, तो जन्म के कुछ दिनों में ही एनल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की जाती है। जटिल मामलों में पहले कोलॉस्टॉमी की जाती है, जिसमें पेट पर अस्थायी छेद बनाया जाता है। बाद में गुदा पुनर्निर्माण के लिए दूसरी सर्जरी होती है। सर्जरी के बाद बच्चे को नियमित फॉलो-अप, विशेष आहार और कभी-कभी फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है।
क्या बच्चा सामान्य जीवन जी सकता है?
समय पर इलाज से अधिकांश बच्चे स्वस्थ और सामान्य जीवन जी सकते हैं। हालांकि, कुछ में मल त्याग नियंत्रित करने में दिक्कत हो सकती है, जिसे उचित देखभाल और थेरेपी से सुधारा जा सकता है।
माता-पिता की जिम्मेदारी
माता-पिता को नवजात की हर गतिविधि पर नजर रखनी चाहिए। अगर शिशु 24 घंटे तक मल त्याग नहीं करता या गुदा असामान्य दिखे, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। इम्परफोरेट एनस गंभीर है, लेकिन सही समय पर सही कदम इसे हराने में मददगार हैं। माता-पिता की जागरूकता और त्वरित कार्रवाई बच्चों को स्वस्थ भविष्य दे सकती है।