

क्या आप जानते हैं कि ज्यादातर लोगों को यूरिक एसिड की समस्या रात के समय ज्यादा महसूस होती है? इसके पीछे सिर्फ खानपान नहीं, बल्कि शरीर की बायोलॉजिकल एक्टिविटी भी जिम्मेदार है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: आजकल यूरिक एसिड की समस्या बेहद आम हो गई है, खासतौर पर 30 की उम्र के बाद। हाई यूरिक एसिड से जोड़ो में दर्द, सूजन और यहां तक कि गाउट जैसी बीमारी भी हो सकती है। लेकिन बहुत से लोगों को यह महसूस होता है कि रात के समय यूरिक एसिड की दिक्कतें ज्यादा बढ़ जाती हैं। जैसे-जैसे दिन ढलता है, शरीर में दर्द, जलन और अकड़न की समस्या भी बढ़ती जाती है। तो आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या यह सिर्फ आपकी डाइट का असर है या इसके पीछे कोई बायोलॉजिकल वजह भी है? आइए जानते हैं इसके पीछे छिपे वैज्ञानिक कारणों के बारे में।
रात में यूरिक एसिड क्यों बढ़ता है?
शरीर की धीमी चयापचय प्रक्रिया (Metabolism Slowdown)
रात को जब शरीर आराम की अवस्था में होता है, तो मेटाबॉलिज्म की गति धीमी हो जाती है। इस कारण यूरिक एसिड का शरीर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है, और वह रक्त में जमा होने लगता है।
हाइड्रेशन की कमी
दिनभर की तुलना में रात को हम कम पानी पीते हैं। पानी की कमी के कारण किडनी यूरिक एसिड को सही ढंग से फिल्टर नहीं कर पाती, जिससे यह शरीर में जमा हो सकता है।
डिनर में हाई प्रोटीन फूड्स का सेवन
अगर आप रात में अधिक प्रोटीन या रेड मीट, सी फूड्स जैसे भोजन लेते हैं, तो इससे शरीर में प्यूरिन का स्तर बढ़ता है, जो यूरिक एसिड का मुख्य स्रोत है। सोते समय यह प्रभाव और भी तीव्र हो जाता है।
शारीरिक गतिविधि में कमी
दिन की अपेक्षा रात में शरीर स्थिर होता है, जिससे यूरिक एसिड का सर्कुलेशन सीमित हो जाता है और वह जोड़ों में जमा हो सकता है।
लक्षण जो रात में बढ़ जाते हैं
जोड़ों में अचानक तेज दर्द (विशेष रूप से अंगूठे के जोड़ में)
सूजन और लालिमा
चलने में तकलीफ
नींद में खलल
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के उपाय
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यदि आप यूरिक एसिड या गाउट जैसी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श लें।