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बिहार चुनावी माहौल में जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस और आरजेडी ने उन पर निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। अब मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है।
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार अपने चरम पर है और इसी बीच जेडीयू के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह का एक बयान राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला गया है। बीते सोमवार (3 नवंबर 2025) को मोकामा में जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने ऐसी बात कह दी, जिसने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में ललन सिंह कहते नजर आ रहे हैं कि एक-दो नेता हैं, उनको चुनाव के दिन घर से निकलने मत दें। घर में पैक कर दीजिए। अगर बहुत हाथ-पैर जोड़ते हैं तो कहना है कि हमारे साथ चलिए और अपना वोट दीजिए। इस बयान को कांग्रेस और आरजेडी ने मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश बताया है। वीडियो तेजी से वायरल हुआ और लोगों ने चुनाव आयोग को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की।
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कांग्रेस ने मंगलवार (4 नवंबर 2025) को अपने ‘X’ (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से ललन सिंह का वीडियो शेयर किया और लिखा कि मोदी सरकार के मंत्री ललन सिंह का कहना है, जो लोग BJP-JDU के खिलाफ वोट करने वाले हैं, उन्हें घर से निकलने मत दो। क्या ‘निष्पक्ष’ चुनाव आयोग इस पर कोई एक्शन लेगा या हर बार की तरह BJP-JDU को पुचकारता रहेगा? कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बयान करार दिया और कहा कि इस तरह के शब्द सत्ता पक्ष की “घबराहट” को दिखाते हैं।
आरजेडी नेता मनोज झा ने भी इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी से पूछिए कि जब ऐसे बयान सामने आते हैं तो घिग्घी क्यों बंध जाती है? जंगलराज की कहानियां सुनाने वाले अब लोकतंत्र की हत्या पर चुप क्यों हैं? चुनाव आयोग की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। मनोज झा ने यह भी कहा कि अगर विपक्ष की ओर से ऐसा बयान आता, तो अब तक भाजपा ने “लोकतंत्र खतरे में है” का नारा लगा दिया होता।
बढ़ते विवाद के बीच जेडीयू बचाव में उतर आई है। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ललन सिंह ने किसी खास व्यक्ति या समुदाय का नाम नहीं लिया। चुनाव प्रचार में बोलने की एक शैली होती है। घर में पैक करने का मतलब नजरबंद करने से नहीं, बल्कि समर्थकों को साथ लाने के भाव से कहा गया है। नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए विपक्ष से पूछा कि लालू यादव सजायाफ्ता हैं, फिर उनके साथ आरजेडी के नेता रीतलाल यादव का प्रचार करने क्यों गए? अगर विपक्ष को नैतिकता की इतनी चिंता है तो पहले अपना घर देखे।
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सूत्रों के मुताबिक, बिहार निर्वाचन अधिकारी ने ललन सिंह के बयान की रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दी है। अधिकारियों ने बताया कि बयान की भाषा की जांच हो रही है और जरूरत पड़ने पर नोटिस जारी किया जाएगा। अगर यह पाया गया कि बयान ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है, तो चेतावनी या नोटिस जारी किया जा सकता है।