

दरभंगा के अलीनगर विधानसभा से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यादव का कहना है कि भाजपा अब पिछड़ों का सम्मान नहीं करती और पार्टी में स्वाभिमान की कोई कद्र नहीं है।
विधायक मिश्रीलाल यादव
Patna: दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक मिश्रीलाल यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर आरोप लगाया कि पार्टी अब पिछड़ों का सम्मान नहीं करती और शीर्ष नेतृत्व में घमंड बढ़ चुका है। यादव ने कहा कि "जनता इन नेताओं को सबक सिखाएगी।"
मिश्रीलाल यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वे पिछले 30 वर्षों से अलीनगर में एनडीए का विधायक नहीं बनने के बावजूद 2020 में भाजपा के लिए विजय प्राप्त की थी। हालांकि, पार्टी ने उनका अपमान किया और उनका स्वाभिमान कोई महत्व नहीं दिया। उन्होंने कहा, "भाजपा में रहना मेरे जैसे स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए अब संभव नहीं है।"
विधायक मिश्रीलाल यादव
मिश्रीलाल यादव ने साफ किया कि वह अलीनगर विधानसभा से चुनाव जरूर लड़ेंगे, चाहे किसी भी दल से लड़ना पड़े। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक सेकुलर सोच रखने वाले व्यक्ति हैं, इसीलिए संभावना है कि वह किसी सेकुलर पार्टी में शामिल हों।
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23 जुलाई को दरभंगा के अलीनगर विधानसभा से मिश्रीलाल यादव की सदस्यता बहाल कर दी गई थी। इससे पहले, 27 मई को एक पुराने मारपीट मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था, जिसके कारण 20 जून को उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने यादव की सदस्यता रद्द करने के मामले को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद उनकी सदस्यता बहाल हुई।
मिश्रीलाल यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस समय वीआईपी एनडीए का हिस्सा थी। बाद में 2022 में पार्टी टूट गई और वीआईपी के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जिनमें यादव भी शामिल थे।
हाल ही में मिश्रीलाल यादव को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कुछ नेताओं के साथ देखा गया था, जिसके बाद उनके भाजपा से निकलने की अफवाहें तेज हो गई थीं। हालांकि, यादव ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए कहा था कि वह भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे।