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बिहार चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार ज्योति सिंह चर्चा में हैं। उन पर पवन सिंह के नाम का सहारा लेने के आरोप लगे, जिन पर उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। ज्योति का कहना है कि वह जनता की ताकत और अपने संघर्ष के दम पर चुनाव लड़ रही।
ज्योति सिंह
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में अब हलचल अपने चरम पर है। हर सीट पर उम्मीदवार मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ज्योति सिंह भी चर्चा में हैं। ज्योति ने अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरकर सबको चौंका दिया है। लेकिन जैसे-जैसे उनका प्रचार बढ़ा, वैसे-वैसे उनके खिलाफ पवन सिंह के नाम का सहारा लेने के आरोप भी लगने लगे।
हाल ही में एक इंटरव्यू में जब ज्योति सिंह से पूछा गया कि क्या वे पवन सिंह के नाम से लोकप्रिय हुई हैं, तो उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया कि बहुत से लोग शुरुआत से अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़े हैं। जरूरी नहीं कि हर किसी के पीछे कोई बड़ा नाम हो। और जरूरी तो नहीं कि हर औरत पवन सिंह की पत्नी ही हो। बहुत सी महिलाएं समाज सेवा करने की सोच रखती हैं, मैं भी उनमें से एक हूं।
ज्योति सिंह और पवन सिंह के रिश्ते को लेकर मीडिया और जनता में कई बार सवाल उठे। दोनों की शादी और विवाद को लेकर लंबे समय तक चर्चाएं चलती रहीं। इस पर बोलते हुए ज्योति ने कहा कि लोग कहते हैं कि मैंने पवन सिंह से शादी करके नाम कमा लिया। तो मैं पूछती हूं- अगर नाम कमा लिया, तो आज बदनाम किसकी वजह से हूं? अगर शादी से पहचान मिली होती, तो क्या आज मुझे अपमान नहीं मिल रहा होता?”
ज्योति सिंह पर यह भी आरोप लगा कि वह चुनावी प्रचार में ड्रामा कर रही हैं और पवन सिंह से आर्थिक मदद ले रही हैं। इस पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर पवन जी मुझे पैसे भेजते हैं, तो सामने आकर खुद क्यों नहीं बोलते? मैंने रानू भैया की जो रिकॉर्डिंग दिखाई थी, उसमें भी पूछा था- आपने कब पैसा भेजा था? कोई जवाब नहीं आया। अगर मैं गलत हूं, तो वो चुप क्यों हैं? उन्होंने आगे कहा कि पवन सिंह शांत रहने वाले इंसान नहीं हैं। “अगर मैं गलत होती, तो वो अब तक सोशल मीडिया पर बयान दे चुके होते। लेकिन सच ये है कि वो जानते हैं कि सच्चाई मेरे साथ है।”
पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच तलाक का मामला अभी कोर्ट में लंबित है। ज्योति ने कहा कि पवन सिंह अक्सर डेट पर कोर्ट नहीं पहुंचते और अपनी पावर का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि हर बार सवाल महिलाओं से ही क्यों किया जाता है? क्यों कोई पवन सिंह से नहीं पूछता कि वो कोर्ट की तारीखों पर क्यों नहीं आते? ज्योति ने कहा कि समाज को महिलाओं को भी समान सम्मान देना चाहिए। “मैं कोई स्टार पत्नी नहीं, एक आम औरत हूं, जो अपने हक और सम्मान के लिए लड़ रही है।”
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काराकाट में ज्योति सिंह का प्रचार अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। वो लगातार गांव-गांव जाकर जनता से मिल रही हैं, महिलाओं के मुद्दों पर बात कर रही हैं और युवा वोटरों को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, ज्योति सिंह का प्रचार भावनात्मक और ज़मीनी स्तर पर जुड़ा हुआ है। वे सोशल मीडिया के जरिए भी सक्रिय हैं और “स्वाभिमान की राजनीति” का संदेश दे रही हैं। उनका कहना है कि वे शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रही हैं।
ज्योति सिंह ने साफ कहा कि उन्होंने अब अपने व्यक्तिगत विवादों को पीछे छोड़ दिया है। “अब मेरा ध्यान सिर्फ जनता पर है। मैं उनके बीच रहना चाहती हूं, उनके लिए काम करना चाहती हूं। पवन सिंह से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, न निजी तौर पर और न राजनीतिक तौर पर।” उनके समर्थक भी यही संदेश जनता के बीच फैला रहे हैं कि ज्योति सिंह एक स्वतंत्र उम्मीदवार हैं, जो किसी पार्टी या व्यक्ति के दबाव में नहीं हैं।