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उत्तराखंड के चंपावत गबन के मामले में सहकारी सचिव गाज गिरने का मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चंपावत: उत्तराखंड के चंपावत से गुरुवार को एक गबन का मामला सामने आया। पुलिस ने गबन के आरोपी में दूबड़ बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति के सचिव के खिलाफ गुरुवार को सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया है। आरोपी के खिलाफ 81,08,848 की धनराशि के गबन और वित्तीय धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सहायक निबंधक सुभाष चंद्र गहतोड़ी की ओर से पाटी थाना पुलिस को बुधवार देर शाम को दूबड़ सहकारी समिति के आरोपी सचिव जय राम के खिलाफ गबन के संबंध में तहरीर सौंपी गई थी।
पुलिस ने बताया कि जांच में आए तथ्यों के बाद आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रकरण के अनुसार दूबड़ सहकारी समिति में पिछले साल गड़बड़ी के संकेत मिले थे।
जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे की ओर से इस मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया। इसी बीच आरोपी सचिव को निलंबित कर दिया गया। समिति की ओर से हाल ही में जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें 8108848 रुपये के गबन की पुष्टि हुई। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से सहायक निबंधक सुभाष चंद्र गहतोड़ी को आरोपी के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दे दिए गए।
थाना अध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने जिले के सभी सहकारी समितियों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नियमित लेखा परीक्षण, निरीक्षण और सदस्य जागरूकता अभियान आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
वहीं दूसरी तरफ जिले के पाटी ब्लॉक में बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति में तीन सूत्री मांगों के लिए किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों ने समिति के सचिव सहित अन्य लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। बृहस्पतिवार को उत्तराखंड किसान संगठन संयोजक नरेंद्र उत्तराखंडी उर्फ हरीश शर्मा के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने निलंबित सचिव जयराम के खिलाफ पाटी थाने में एडीओ अनिल जोशी के माध्यम से मुकदमा दर्ज करा दिया है, लेकिन अब तक सचिव की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि सचिव के अलावा अन्य भष्ट्राचार में शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि किसानों की ओर की व्यक्तिगत एफआईआर नहीं लिख कर सीधे किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।