

बिहार के सीवान में 2016 में हुए चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया और दोषियों पर जुर्माना लगाया है। मृतक परिवार को मुआवजा देने के निर्देश भी दिए गए हैं।
पत्रकार राजदेव रंजन
Patna: बिहार के बहुचर्चित पत्रकार हत्याकांड में आखिरकार कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। पत्रकार राजदेव रंजन की निर्मम हत्या के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले को स्वतंत्र पत्रकारिता और लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
अदालत ने जिन तीन दोषियों को सजा सुनाई है, उनके नाम हैं, रोहित कुमार सोनी, विजय कुमार गुप्ता और सोनू कुमार गुप्ता। कोर्ट ने न सिर्फ इन्हें उम्रकैद की सजा दी बल्कि तीनों पर कुल 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नमिता सिंह ने कहा कि यह हत्या एक “सुनियोजित साजिश” का नतीजा थी, जिसने पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर गहरी चोट पहुंचाई।
बता दें कि 13 मई 2016 को वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की सीवान के फल बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना ने पूरे बिहार को झकझोर दिया था। राजदेव रंजन उस वक्त सीवान में कई हाई-प्रोफाइल मामलों को कवर कर रहे थे। उनकी पत्नी ने तत्कालीन राजद नेता और सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन पर इस हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
पत्रकार राजदेव रंजन
जनता और मीडिया के बढ़ते दबाव को देखते हुए बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने 15 सितंबर 2016 को केस दर्ज किया और कुछ ही महीनों में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। शहाबुद्दीन समेत उसके करीबी लड्डन मियां और अन्य के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश जैसी गंभीर धाराओं में आरोप तय किए गए।
हालांकि, 2021 में कोविड संक्रमण से शहाबुद्दीन की मौत हो गई, जिसके चलते उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही समाप्त कर दी गई। वहीं, सबूतों के अभाव में लड्डन मियां और दो अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया।
सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार, अदालत ने मुजफ्फरपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह पीड़ित परिवार को कानून के प्रावधानों के तहत मुआवजा उपलब्ध कराए। राजदेव रंजन के परिजनों ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया, लेकिन यह भी कहा कि उन्हें अब भी पूरी न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा है और दोषियों की सजा पर नजर रखेंगे।