

रायबरेली में एक ओर जहां पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल मां शेरावाली के दरबार पहुंचे और दुर्गा पूजा पंडालों की सराहना की, वहीं दूसरी ओर नवरंग के पुरवा गांव में दलित मां-बेटी की पिटाई का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
रायबरेली में मानवता शर्मसार
Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। लालगंज थाना क्षेत्र के नवरंग के पुरवा गांव में एक दलित महिला और उसकी नाबालिग बेटी को जमीनी विवाद के चलते बुरी तरह पीटा गया। इस अमानवीय घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
यह पूरा मामला नवरंग के पुरवा गांव का है, जहां दो पक्षों के बीच लंबे समय से जमीनी विवाद चला आ रहा था। जानकारी के अनुसार, गांव के निवासी वृन्दावन यादव और पिंटू यादव ने रविवार को विपक्षी पक्ष के मोहल्ले में पहुंचकर गाली-गलौज शुरू कर दी। जब पीड़ित परिवार की महिला कृष्णा देवी और उनकी नाबालिग बेटी काजल रैदास ने इसका विरोध किया, तो दोनों आरोपियों ने उन पर जानवरों की तरह हमला बोल दिया।
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पिटाई इतनी बेरहमी से की गई कि मां-बेटी अधमरी हालत में वहीं गिर पड़ीं। इस दौरान किसी स्थानीय निवासी ने घर की छत से पूरी घटना का वीडियो बना लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया।
मां बेटी के साथ मारपीट
वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। लालगंज थाना प्रभारी प्रमोद सिंह ने बताया कि वृन्दावन यादव और पिंटू यादव के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित कर दी गई हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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इस घटना ने एक बार फिर समाज में व्याप्त जातीय भेदभाव और दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को उजागर कर दिया है। लोगों में आक्रोश है और वे आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज में अब भी जातिगत हिंसा कितनी गहराई से मौजूद है।