

जिले में पिछले कई दिनों से मोरों की रहस्यमयी मौत हो रही हैं। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मोरों की मौत से मचा हड़कंप
औरैया: जनपद के कंचौसी गांव में बीते आठ दिनों से मोरों की रहस्यमयी मौतें ग्रामीणों की चिंता का कारण बन गई हैं। अब तक 30 से अधिक मोर मृत पाए जा चुके हैं, जबकि आज यानी रविवार को पांच और मोर गंभीर रूप से बीमार मिले हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं।
डॉक्टरों के पास नहीं है बीमारी की जानकारी
ग्रामीणों के अनुसार, अब तक किसी भी विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा बीमारी की स्पष्ट पहचान नहीं की गई है। मोरों की मौत के पीछे कारण क्या है, यह अभी तक अज्ञात है। चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक किसी भी मोर का सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया है। इससे बीमारी की पुष्टि और इलाज में देरी हो रही है। बीमार मोरों को सिर्फ प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है, जो प्रभावी नहीं हो पा रहा है।
बजरंग दल की पहल पर पहुंची टीम
रविवार को बजरंग दल के जिला बलोपासना प्रमुख सत्यम गुप्ता की सूचना पर पशुपालन विभाग की टीम गांव पहुंची। टीम में डॉ दिनेश, नीरज और सर्वेश शामिल थे। उन्होंने बीमार मोरों की जांच की और इलाज करने का प्रयास किया। हालांकि, उपचार के बाद भी स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं आया है।
वन विभाग पर गंभीर आरोप
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वन विभाग पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विभाग के अधिकारी बीमार मोरों को इलाज किए बिना दूसरी जगह छोड़ देते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। कार्यकर्ताओं ने इस अमानवीय रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा ज्ञापन
इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों और बजरंग दल के कार्यकर्ता सोमवार को ककोर मुख्यालय में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे। उनका उद्देश्य प्रशासन को जगाना और मोरों की मौतों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठवाना है। इस मौके पर जयंत गुप्ता, सनी गुप्ता, वैभव, उत्तम, शरद त्रिवेदी सहित कई लोग मौजूद रहेंगे।