Pahalgam Terror Attack 2025: आतंकी हमले में इंदौर का एक व्यक्ति मारा गया, कलेक्टर ने परिवार से की मुलाकात

जम्मु-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में इंदोर के सुरेश नथानियल की मौत। सरकार ने मृतकों के परिवार को मुआवजा देने का एलान किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Manoj Tibrewal Aakash
Updated : 23 April 2025, 12:06 PM IST
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पहलगाम: जम्मु-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में इंदौर के 58 वर्षीय सुरेश नथानियल की जान चली गई। इस घटना ने केवल उनके परिवार बल्कि पूरे इंदौर शहर को भ गहरा सदमा दिया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने आज सुरेश नथानियल के परिजनों से मुलाकात कर प्रशाशन की ओर से हर संभव सहायता का आशवाश्न दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नरेश नथानियल अपनी पत्नी जेनिफर, बेटी आकांक्षा और बेटे ऑस्टिन के साथ छुट्टियों पर पहलगाम गए थे। आतंकवादियों के समूह ने मंगलवार को पहलगाम में अचानक हमला किया। जिसमें सुरेश नथानियल को निशाना बनाया गय। इस गंभीर घटना में उनकी बेटी अकांक्षा भी घायल हो गई। जिन्हे नजदिकी मेडिकल कॅालेज और अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।सुरेश नथियाल अलीराजपुर जिले में भारतीय जीवन बीमा निगम (lIC) में क्षेत्रीय प्रबंधन के पद पर कार्यरत थे ।

कलेक्टर आशीष सिंह ने पीड़ितों से मुलाकात की

कलेक्टर आशीष सिंह ने परिवार से मुलाकात के दौरान कहा ,"यह बेहद दुखद और अत्यंत संवेदनशील स्थिति है। हम प्रशाशन की ओर से परिवार को सभी संभव सहायात प्रदान करेंगे। उनके इस दुख की घडी में हम अनके साथ है। साथ हा आशवाश्न दिया गया कि प्रशाशन पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करेगा। ताकि उसे कठिन समय में समर्थन मिल सके।

जम्मु-कश्मीर सरकार ने मुआवजा देने का एलान किया

जम्मु-कश्मीर सरकार ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है। इसके अलावा, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपए और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी धनराशि प्रियजनों के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन समर्थन और एकजुटता के प्रतीक के रूप में, जम्मू-कश्मीर सरकार मृतकों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा करती है। उन्होंने गंभीर रूप से घायलों के लिए और मामूली रूप से घायलों के लिए मुआवजा देने का एलान करती है।

25 वर्ष पहले के दर्दनाक हमले की पुनरावृत्ति

2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद अशांत कश्मीर घाटी में नागरिकों पर सबसे खराब आतंकी हमला। इस घटना से पहले नागरिकों पर सबसे घातक हमला 25 साल पहले मार्च 2000 में हुआ था, जब 36 भारतीय मारे गए थे।