लखनऊ: फर्जी सिमकार्ड मामले में गिरोह के 6 सदस्य चित्रकूट से गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को साइबर क्राइम में लिप्त संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 17 May 2025, 8:35 PM IST
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लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने टेलीकॉम कम्पनी के अधिकारियों से सांठगांठ कर साइबर क्राइम करने वाले गिरोहों को फर्जी तरीके से सिमकार्ड उपलब्ध कराने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने सरगना सहित 6 सदस्यों को जनपद-चित्रकूट से गिरफ्तार किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गिरफ्तार पकड़े गए आरोपियों की पहचान गैंग लीडर ओम प्रकाश अग्रहरि उर्फ टीटू (अग्रहरि कम्युनिकेशन का प्रोपराइटर), वोडाफोन आइडिया का टेरीटरी सेल्स एक्जीक्यूटिव शिवदयाल निषाद, राहुल पाण्डेय (प्रोपराइटर नित्या इंटरप्राइजेज व डीएसई अग्रहरि कम्युनिकेशन), वोडाफोन आइडिया कौशांबी में कार्यरत जितेन्द्र कुमार, पीओएस एजेंट शिवबाबू और रवि जनसेवा व स्टूडियो का संचालक सुरेन्द्र सिंह के रूप में हुई है।

जानकारी के अनुसार एसटीएफ ने आरोपियों से 31 मोबाइल फोन, 87 कूटरचित आधार कार्ड, 514 प्रीएक्टिवेटेड सिम कार्ड वोडाफोन आइडिया कम्पनी, 505 अदद अनएक्टिवेटेड ब्लैंक सिम कार्ड वोडाफोन आइडिया, 30 अदद अनएक्टिवेटेड ब्लैंक सिम कार्ड रिलायंसजियो कम्पनी, 26 अदद अनएक्टिवेटेड ब्लैंक सिम कार्ड भारतीय एयरटेल, 3 बायोमैट्रिक स्कैनर, 1 सीपीयू, 7250 रुपए नकद बरामद किए हैं।

एसटीएफ ने आरोपियों की गिरफ्तारी गुरुवार को बरगदी पुरवा बेराउर थाना क्षेत्र राजापुर चित्रकूट से की है।

जानकारी के अनुसार एसटीएफ यूपी को डिजिटल अरेस्ट, स्टाक मार्केट, पार्सल स्कैम, आदि तरीके से साइबर क्राइम करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की खबर मिल रही थी। इसके साथ ही अनाधिकृत तरीके से सिम कार्ड एक्टीवेट कर उपलब्ध कराने वाले पीओएस एजेन्टों एवं डिस्ट्रीब्यूटर के बारे में शिकायतें मिल रही थी।

अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि ओम प्रकाश अग्रहरि ‘‘अग्रहरि कम्युनिकेशन’’ राजापुर वोडाफोन आइडिया कम्पनी का वर्ष 2023 में डिस्ट्रीब्यूटर रहा है। अपने साथियों व वोडाफोन आइडिया कम्पनी के अधिकारियों के साथ मिलकर, फर्जी तरीके से पीओएस एजेंट बनवाकर उन पीओएस एजेंटो की पीओएस आईडी व उनके नम्बर पर आने वाले ओटीपी का एक्सेस लेकर अपने गैंग के सदस्यों के माध्यम से अनाधिकृत तरीके से सिम कार्ड एक्टिवेट कर, डिजिटल अरेस्ट, स्टाक मार्केट, पार्सल स्कैम, आदि तरीके से साइबर क्राइम करने वाले संगठित गिरोहों को उन सिम कार्डों को ऊंचे दामों पर बेचता था।
मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने टीम गठित कर संगठित गिरोह के सरगना सहित 06 अभियुक्तों को थाना क्षेत्र राजापुर चित्रकूट से दबोच लिया।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि ओम प्रकाश अग्रहरि ने वर्ष 2006 में अग्रहरि कम्युनिकेशन नाम से फर्म बनाकर हच कम्पनी से डिस्ट्रीब्यूटरशिप ली थी। वर्ष 2009 से 2014 तक शिवदयाल निषाद अग्रहरि कम्युनिकेशन में डीएसई (डायरेक्ट सेल्स एक्जिक्यूटिव) के पद पर रहा।

वर्ष 2015 से 2019 तक वोडाफोन कम्पनी मे पीएसआर (पाइलेट सेल्स रिप्रजेंटेटिव) रहा। इसके बाद वर्ष 2019 से 2021 तक रिलायंस जियो कम्पनी मे जेपीएम (जियो प्वाइंट मैनेजर) रहा। पुनः वर्ष 2021 में वोडाफोन आइडिया कम्पनी में टीएसई (टेरीटरी सेल्स एक्जिक्यूटिव) के पद पर ज्वाइन किया।

राहुल पाण्डेय ने वर्ष 2017 में अग्रहरि कम्युनिकेशन में डीएसई (डायरेक्ट सेल्स एक्जिक्यूटिव) के पद पर ज्वाइन किया और 2023 तक रहा। नवम्बर 2023 में वीआई कम्पनी द्वारा अग्रहरि कम्युनिकेशन को बंद कर दिया गया। दिसम्बर 2023 में राहुल पाण्डेय द्वारा अपनी खुद की फर्म नित्या इंटर प्राइजेज बनाकर वीआई की डिस्ट्रीब्यूटरशिप ली गयी।

शिवदयाल निषाद का चचेरा भाई शिवबाबू वर्ष 2017 से 2023 तक अग्रहरि कम्युनिकेशन में प्रमोटर के पद पर नौकरी करता था व पीओएस का भी काम करता था। उपरोक्त चारों लोगों ने अधिक धन अर्जित करने के लालच में प्लान बनाया कि यदि हम लोग फर्जी पीओएस एजेंट बनाकर उनकी आईडी से कस्टमर की दो बार केवाईसी करके दो सिम एक्टिवेट करे व कस्टमर को एक ही दें व एक अपने पास रख लें तो अच्छा खासा धन कमा सकते हैं।

इसके बाद शिवदयाल, ओमप्रकाश अग्रहरि, राहुल व शिवबाबू मिलकर जो कस्टमर सिम लेने आते थे उनके नाम से दो सिमकार्ड एक्टिवेट कर उनका बायोमैट्रिक कराकर उनके नाम से पीओएस रजिस्टर्ड करा लेते थे फिर उनको एक सिम दे देते थे व पीओएस में रजिस्टर्ड सिम कार्ड अपने पास रख लेते थे।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना राजापुर जनपद चित्रकूट में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। अभियुक्तों द्वारा दी गयी जानकारी के माध्यम से गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।

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