

महोबा जिले में बेटी होने पर महिला को प्रताड़ित करने, घर से निकालने और दूसरी शादी करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। तीन बच्चियों की मां पीड़िता सोनू यादव ने पति और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है।
तीन बेटियां होना बना अभिशाप!
Mahoba: महोबा जनपद के कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के खैरारी गांव में रहने वाली सोनू यादव तीन बेटियों की मां हैं। शादी 2019 में हुकुम सिंह के साथ हुई थी। शादी के शुरुआती दिन सामान्य रहे, लेकिन पहली बेटी खुशी के जन्म के बाद पति का व्यवहार बदल गया। सोनू ने बताया कि बेटी होने के कारण पति मारपीट और तानों पर उतर आए। दूसरी बेटी मुस्कान के जन्म के बाद प्रताड़ना और बढ़ गई। सोनू ने मायके वालों को स्थिति बताई, लेकिन उन्होंने समझाइश देकर उसे ससुराल में टिकने की सलाह दी। सोनू ने अपने वैवाहिक जीवन को बचाने की भरसक कोशिश की।
तीसरी बेटी के बाद टूटा सब्र
हाल ही में जब सोनू ने तीसरी बेटी नैन्सी को जन्म दिया तो पति ने उसे और तीनों बच्चियों को मायके भेज दिया और फिर बुलाया तक नहीं। सोनू का आरोप है कि हुकुम सिंह ने साफ कह दिया कि "तुम मुझे बेटा नहीं दे सकतीं, इसलिए मैं दूसरी शादी करूंगा" और उन्होंने वाकई दूसरी शादी कर ली।
पति की मानसिकता से टूटा परिवार
पीड़िता सोनू का कहना है कि बेटियां पैदा होने का दोष न उसका है और न बच्चियों का, यह सब प्रकृति की देन है। बावजूद इसके, पति और ससुराल वालों की सोच ने उनके पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। सोनू कहती हैं कि समाज में आज भी बेटी होना कुछ लोगों के लिए बोझ माना जाता है, और यह सोच बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि “पति की सोच और समाज की इस क्रूर मानसिकता ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि अगला जन्म अगर हो, तो बिटिया ना होना पड़े।”
स्थानीय पुलिस से नहीं मिली मदद
पीड़िता ने बताया कि उसने इस मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस से कई बार की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थक-हारकर वह अपने भाई पंचम और मां के साथ गुरुवार को एसपी कार्यालय पहुंचीं और पूरी आपबीती सुनाई। पीड़िता ने मांग की कि उसके पति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि उसकी बेटियों को भी न्याय और सम्मानजनक जीवन मिल सके।