गोरखपुर: दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास, इतना लगा जुर्माना

गोरखपुर में दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास सजा सुनाई गई हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 6 June 2025, 2:26 PM IST
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गोरखपुर: जनपद गोरखपुर के थाना पिपराईच पर वर्ष 2018 में पंजीकृत दुष्कर्म के एक मामले में न्यायालय ASJ FTC-1, गोरखपुर ने अभियुक्त प्रमोद शाही उर्फ मन्टू को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 32,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यह फैसला पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत प्रभावी पैरवी और पुलिस की तत्परता के परिणामस्वरूप आया है।मामला मु0अ0सं0 572/2018, धारा 376, 506 भा0द0वि0 के तहत थाना पिपराईच में दर्ज था। अभियुक्त प्रमोद शाही, पुत्र परमहंस शाही, निवासी मुण्डेरा लाला, थाना अहिरौली बाजार, जनपद कुशीनगर, पर दुष्कर्म और धमकी देने का आरोप था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के निर्देशन में विवेचक उपनिरीक्षक उदय शंकर द्विवेदी, थाने के पैरोकार और मॉनिटरिंग सेल की सक्रियता से मामले की गहन जांच और प्रभावी पैरवी की गई। इस प्रक्रिया में अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (ADGC) श्री रमेश चन्द्र पाण्डेय और श्री सिद्धार्थ सिंह का योगदान महत्वपूर्ण रहा। न्यायालय ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अभियुक्त को दोषी पाया और 05 जून 2025 को सजा का ऐलान किया।

इस फैसले ने न केवल पीड़िता को न्याय दिलाया, बल्कि समाज में अपराधियों के प्रति कड़ा संदेश भी दिया। पुलिस महानिदेशक के “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान का उद्देश्य गंभीर अपराधों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है, और इस मामले में गोरखपुर पुलिस की कार्यशैली इस दिशा में एक मिसाल है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस उपलब्धि पर अपनी टीम की सराहना की और कहा कि गोरखपुर पुलिस अपराध नियंत्रण और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है। इस फैसले से स्थानीय जनता में कानून के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है।

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