

गोरखपुर की सड़कों पर अब बेतरतीब यातायात और अवैध पार्किंग का खेल खत्म होने जा रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर में यातायात सुधार की मुहिम तेज़
गोरखपुर: गोरखपुर की सड़कों पर अब बेतरतीब यातायात और अवैध पार्किंग का खेल खत्म होने जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजकरन नैयर के निर्देश पर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस अधीक्षक (यातायात) की अगुवाई में एक बड़ा विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान शहर के सबसे व्यस्त और जामग्रस्त इलाकों में सख्ती के साथ संचालित किया गया, जिसमें यातायात पुलिस, नगर निगम की प्रवर्तन टीम और क्षेत्राधिकारी (यातायात) भी सक्रिय भूमिका में नजर आए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अभियान की सबसे खास बात यह रही कि नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों के खिलाफ बिना किसी रियायत के कार्रवाई की गई। अवैध रूप से खड़े वाहनों को हटवाया गया और सड़कों पर किए गए अतिक्रमण को साफ किया गया। नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ई-रिक्शा और ऑटो चालकों पर भी शिकंजा कसा गया। पुलिस ने 103 ई-रिक्शा के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) के तहत सख्त कार्रवाई की।
इतना ही नहीं, ट्रैफिक पुलिस ने जगह-जगह चेकिंग लगाकर नियमों का उल्लंघन करने वाले 956 वाहनों का चालान किया। ये चालान विभिन्न धाराओं के तहत किए गए, जिनमें बिना हेलमेट, ओवरलोडिंग, रेड लाइट जंप और बिना दस्तावेज़ वाहन संचालन जैसी गंभीर लापरवाहियाँ शामिल थीं।
अभियान का फोकस उन क्षेत्रों पर रहा, जहां जाम और ट्रैफिक की अव्यवस्था आम बात बन चुकी थी। पुलिस ने साफ किया है कि ये कार्रवाई एक दिन की नहीं, बल्कि यह एक सतत अभियान है। यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाना और सड़क हादसों को न्यूनतम करना इस अभियान का उद्देश्य है।
शहरवासियों ने इस पहल को सराहा है। कई स्थानीय नागरिकों ने कहा कि अगर यह मुहिम इसी तरह जारी रही, तो गोरखपुर की सड़कों पर सफर करना पहले से कहीं अधिक आसान और सुरक्षित होगा।
यातायात पुलिस ने आम नागरिकों से आग्रह किया है कि वे नियमों का पालन करें, ट्रैफिक संकेतों का सम्मान करें और नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने से बचें। यह अनुशासन ही गोरखपुर को एक सुगम और सुरक्षित यातायात वाला शहर बना सकता है।