

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बलरामपुर के अवैध धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा के फंडिंग नेटवर्क का खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि बाबा और उनके सहयोगी विदेशी फंडों को ठिकाने लगाने के लिए जमीनों की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा करते थे। इस तरीके से बैंकों से फंड ट्रांसफर करना आसान हो जाता था। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद रशीद शाह ने इस रैकेट की कमान संभाली, लेकिन एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जांच अब भी जारी है और रैकेट के और खुलासे होने की संभावना है।
छांगुर बाबा का काले धन से कनेक्शन
Lucknow News: बलरामपुर का अवैध धर्मांतरण रैकेट, जिसके मास्टरमाइंड छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन शाह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, अब एक और बड़े खुलासे का शिकार हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है कि बाबा और उनके सहयोगी विदेशी फंडों को ठिकाने लगाने के लिए एक गहरे वित्तीय खेल का हिस्सा थे। वे फंड ट्रांसफर के लिए जमीनों की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा कर रहे थे।
विदेशी फंड के लिए किया जमीनों का फर्जी कारोबार
ईडी द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आया कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगी विदेशी फंड को ठिकाने लगाने के लिए जमीनों का खेल कर रहे थे। वह जमीनों की रजिस्ट्री में बिक्री के असली मूल्य की जगह पहले से तय किया हुआ मूल्य दिखाते थे। इससे बैंकों में जमा रकम निकालना आसान हो जाता था और साथ ही, जमीन बेचने वालों को उतना पैसा नहीं मिलता जितना कागज़ों में दर्शाया जाता था।
यह एक प्रकार का काले धन को सफेद करने का तरीका था, जो बैंकों से फंड ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को भी आसान बनाता था। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी विजय शंकर ने इस मामले में कहा ऐसा तरीका काले धन को सफेद करने के लिए अपनाया जाता है। लोग बैनामों में असल कीमत से ज्यादा रकम दिखाते हैं ताकि स्टांप चोरी जैसे मामलों से बच सकें और बाद में अतिरिक्त पैसा वापस ले सकें।
छांगुर बाबा की गिरफ्तारी और रशीद शाह का उभरना
छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद इस अवैध धर्मांतरण रैकेट की कमान अब मधपुर के रशीद शाह के हाथों में आ गई। रशीद ने छांगुर के भतीजे के साथ मिलकर धर्मांतरण का एक नया नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश की। इस बारे में आजमगढ़ में एक मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
एसटीएफ को जैसे ही रशीद की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने उसे गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। रशीद ने पहले छांगुर के परिवार से मुलाकात की थी और बाबा के पुराने समर्थकों को फिर से जोड़ने की कोशिश की थी। उसकी योजना छांगुर जैसी ही थी, इसलिए छांगुर ने उसे अपने भतीजे के साथ मिशन पर भेजा था।
रशीद की गिरफ्तारी से रैकेट में मच गया हड़कंप
रशीद की गिरफ्तारी के बाद अवैध धर्मांतरण से जुड़े कई लोगों में हड़कंप मच गया है। एसटीएफ इस पूरे नेटवर्क के तारों को एक-एक करके खंगालने में जुटी हुई है। रशीद का पकड़ा जाना इस रैकेट के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन इस मामले की जाँच अभी पूरी नहीं हुई है और इसके और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का तहलका
छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों द्वारा किया गया यह फर्जीवाड़ा न केवल अवैध धर्मांतरण के संदर्भ में बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी और काले धन के सफेद होने के मामले में भी एक बड़ा उदाहरण पेश करता है। एसटीएफ और ईडी की जांच इस बात का खुलासा कर रही है कि इस रैकेट को चलाने के लिए किस तरह के वित्तीय, कानूनी और सामाजिक तंत्र का सहारा लिया जा रहा था।