

बांका जिले के बेलहर थाना क्षेत्र में जितिया पर्व की संध्या पर बड़ा हादसा हुआ। स्नान करने गई तीन बच्चियां बेलहरनी नदी में डूब गईं, जिनमें दो सगी बहनें भी शामिल थी।
अस्पताल के बाहर खड़े मृतक बच्चियों के परिजन
बिहार के बांका जिले के बेलहर थाना क्षेत्र से जितिया पर्व की संध्या पर एक हादसे की खबर सामने आई है। परंपरागत स्नान के दौरान तीन मासूम बच्चियों की डूबकर मौत हो गई, जिससे पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। इस हादसे ने त्योहार के माहौल को गम में तब्दील कर दिया। मृतकों में दो सगी बहनें भी शामिल हैं। जिससे पीड़ित परिवार की पीड़ा और भी गहरी हो गई है।
हादसा रविवार की शाम उस समय हुआ, जब बेलहर थाना क्षेत्र के दमजोर तांती टोला निवासी कुछ महिलाएं और बच्चियां मिलकर जितिया पर्व के उपलक्ष्य में बेलहरनी नदी के सरारी पुल के पास स्नान करने गई थीं। परंपरा के अनुसार जितिया पर्व पर महिलाएं और लड़कियां संध्या स्नान कर उपवास करती हैं और व्रत रखती हैं। इसी कड़ी में ये तीन बच्चियां भी स्नान के लिए नदी में उतरी थीं।
मृत बच्चियों की पहचान
प्रिया और साक्षी सगी बहनें थीं, जबकि रितु उनकी पड़ोसन और सहेली थी।
हादसे का कारण क्याथा ?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार स्नान करते समय बच्चियां धीरे-धीरे गहरे पानी में चली गई और डूबने लगीं। पहले महिलाओं को इसका अंदाजा नहीं हो पाया, लेकिन जब कुछ समय तक बच्चियां दिखाई नहीं दीं तो आसपास मौजूद महिलाओं ने शोर मचाया। इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए बचाव कार्य शुरू किया और बच्चियों को किसी तरह बाहर निकाला। ग्रामीण उन्हें तुरंत बेलहर अनुमंडलीय अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैसे ही अस्पताल में यह सूचना मिली, परिजनों में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिवारों को देखकर अस्पताल परिसर भी गमगीन हो गया।
पुलिस टीम मौके पर पहुंची
घटना की सूचना पर बेलहर थाना अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कराई। पुलिस का कहना है कि यह एक दुखद हादसा है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गांव में मातम का माहौल
दमजोर तांती टोला समेत पूरे बेलहर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। जितिया पर्व, जो माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए श्रद्धा से मनाती हैं, उसी दिन तीन परिवारों ने अपनी बच्चियों को खो दिया, जिससे पूरा इलाका स्तब्ध है। ग्रामीणों का कहना है कि संध्या स्नान की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इस तरह का हादसा पहली बार हुआ है, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया।