

नक्सल विरोधी अभियान को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चा ( सोर्स - इंटरनेट )
छत्तीसगढ़: राज्य में नक्सल विरोधी अभियान को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। कांकेर जिले के छोटेबेठिया क्षेत्र में शुक्रवार सुबह पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक महिला नक्सली मारी गई। घटनास्थल से एक बंदूक भी बरामद की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलिसेला ने जानकारी दी कि मुठभेड़ अभी भी कुछ हिस्सों में जारी है और सही संख्या में मारे गए नक्सलियों की पुष्टि पुलिस बलों की वापसी के बाद ही हो पाएगी। जानकारी के अनुसार, जिला रिजर्व पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त टीम गोसाली नदी के पास जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रही थी, जब आमाटोला-कनपार गांव के समीप नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक महिला नक्सली मारी गई।
पुलिस ने मौके से हथियार बरामद किया है और इलाके में सघन सर्च अभियान जारी है। यह मुठभेड़ राज्य में सक्रिय नक्सलियों पर लगातार दबाव बनाए जाने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
इससे पहले 7 जून को बीजापुर जिले में एक और बड़ी सफलता मिली थी जब सुरक्षा बलों ने तीन दिनों तक चले अभियान में सात माओवादी नेताओं को मुठभेड़ों में ढेर कर दिया था। मारे गए नक्सलियों में केंद्रीय समिति के वरिष्ठ सदस्य गौतम उर्फ सुधाकर और तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य भास्कर शामिल थे।
इसी बीच एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम में शुक्रवार को बीजापुर जिले में 24 कट्टर माओवादियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 20 पर ₹50,000 से ₹10 लाख तक का इनाम घोषित था। कुल इनाम की राशि ₹87.5 लाख थी। यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार की "नियाद नेला नार योजना" और पुनर्वास नीति-2025 की सफलता का प्रमाण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का अंत निश्चित है। उन्होंने कहा कि माओवादी अब यह समझ चुके हैं कि हिंसा का रास्ता केवल विनाश की ओर ले जाता है, इसलिए वे मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं।
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह घटनाक्रम राज्य में शांति और विकास की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।