

भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर में रेपो रेट में और कटौती कर सकता है, जिससे कर्ज और ईएमआई सस्ती हो जाएगी। घर खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह बड़ी राहत साबित हो सकती है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: अगर आप लंबे समय से घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए राहत भरी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आने वाले समय में रेपो रेट में एक और कटौती कर सकता है, जिससे लोन की ब्याज दरें और कम हो सकती हैं। इससे होम लोन की ईएमआई भी सस्ती हो जाएगी।
HSBC की रिपोर्ट में खुलासा
HSBC ग्लोबल रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2025 तक रेपो रेट को 5.25 प्रतिशत तक लाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त और अक्टूबर में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठकों में फिलहाल किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। लेकिन दिसंबर की बैठक में आरबीआई 25 बेसिस पॉइंट की और कटौती कर सकता है, जो इस चक्र की आखिरी कटौती मानी जा रही है।
महंगाई में आई राहत बनी वजह
रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल के महीनों में महंगाई में आई कमी ने इस संभावना को मजबूत किया है। जून 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई, जो मई में 2.8 प्रतिशत थी। खासतौर पर खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट से महंगाई में राहत मिली है। रिपोर्ट में यह भी अनुमान जताया गया है कि 2025 की दूसरी तिमाही में औसत मुद्रास्फीति दर 2.7 प्रतिशत के आसपास रह सकती है, जो रिजर्व बैंक के 2.9 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बयान
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक इंटरव्यू में कहा कि रेपो रेट में बदलाव का निर्णय दो प्रमुख बातों पर निर्भर करेगा महंगाई दर और आर्थिक विकास। उन्होंने कहा कि महंगाई में कमी और विकास दर में सुस्ती, दोनों ही स्थितियां ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में हैं।
अब तक कितनी हुई कटौती
2025 की शुरुआत से अब तक RBI तीन बार रेपो रेट में कटौती कर चुका है। फरवरी और अप्रैल में 0.25-0.25 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद, जून में 0.50 बेसिस पॉइंट की बड़ी कटौती की गई, जिससे रेपो रेट 6.50% से घटकर 5.50% पर आ चुकी है। अब अगर दिसंबर में भी कटौती होती है, तो यह 5.25% तक आ सकती है।
घर खरीदने वालों को मिलेगा फायदा
रेपो रेट में कटौती का सीधा असर होम लोन और ऑटो लोन जैसी उधारी योजनाओं पर पड़ता है। ब्याज दर कम होने से ईएमआई घटती है और लोगों की क्रयशक्ति बढ़ती है। ऐसे में घर खरीदना अधिक किफायती हो सकता है।