

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार को 7,324.34 करोड़ रुपये का डिविडेंड चेक दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को यह चेक सीईओ आर. दोरईस्वामी ने सौंपा। हालांकि शेयर बाजार में एलआईसी के स्टॉक्स दबाव में बने हुए हैं।
एलआईसी (Img: Google)
New Delhi: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने शुक्रवार (29 अगस्त) को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार को 7,324.34 करोड़ रुपये का डिविडेंड चेक सौंपा। यह चेक एलआईसी के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर आर. दोरईस्वामी ने केंद्रीय वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण को नई दिल्ली में भेंट किया। इससे पहले 26 अगस्त को हुई एलआईसी की वार्षिक आम बैठक (AGM) में इस प्रस्ताव को कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने मंजूरी दी थी।
इस अवसर पर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव नागराजू एम. और संयुक्त सचिव प्रशांत कुमार गोयल समेत वित्त मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वहीं, एलआईसी की ओर से मैनेजिंग डायरेक्टर्स सतपाल भानु, दिनेश पंत, रत्नाकर पटनायक और नॉर्दर्न जोन के जोनल मैनेजर (इनचार्ज) जे.पी.एस. बजाज ने हिस्सा लिया।
LIC शेयर प्राइस (Img: Google)
एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी करीब 96 प्रतिशत है। सरकार के पास इसके 6,103,622,781 यानी करीब 610 करोड़ शेयर मौजूद हैं। कंपनी ने 12 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अपने निवेशकों को डिविडेंड देने की घोषणा की थी, जिसके तहत भारत सरकार को 7,324 करोड़ रुपये का लाभांश दिया गया है।
एलआईसी इस साल अपनी 69वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। कंपनी ने बताया कि 31 मार्च 2025 तक उसके पास कुल 56.23 लाख करोड़ रुपये की एसेट्स बेस है। यही वजह है कि आज भी यह भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी मानी जाती है।
हालांकि डिविडेंड के ऐलान के बावजूद शेयर बाजार में एलआईसी के स्टॉक्स दबाव में बने हुए हैं। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 853.65 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। बीते एक हफ्ते में इसमें 4.85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले एक महीने में इसने 4.34 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है।
वित्त वर्ष की शुरुआत से अब तक एलआईसी का शेयर 4.47 प्रतिशत तक गिर चुका है। वहीं, पिछले एक साल में इसमें 21.42 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए कंपनी के शेयर अब भी फायदेमंद साबित हुए हैं। पिछले तीन सालों में एलआईसी ने 25.53 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
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वित्तीय जानकारों का मानना है कि एलआईसी का डिविडेंड वितरण निवेशकों के लिए राहत की खबर है, लेकिन शेयर प्राइस पर दबाव अभी भी बना रहेगा। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले तिमाही नतीजों और इंश्योरेंस सेक्टर की ग्रोथ पॉलिसीज़ पर इसका असर दिखाई देगा।
भारत सरकार के लिए एलआईसी हमेशा से मजबूत राजस्व स्रोत रहा है। डिविडेंड से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल सरकार अपने विकास कार्यों और योजनाओं में करेगी।