

दिवाली से पहले सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। सोमवार को 24 कैरेट सोना 10 ग्राम के लिए 1,25,400 रुपये पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अस्थिरता और त्योहारी मांग कीमतों को और ऊपर ले जा सकती है।
सोने की कीमतों में उछाल (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: दिवाली के त्योहारी सीजन के बीच, सोने की कीमतों में एक बार फिर उछाल आया है। 13 अक्टूबर, सोमवार को देशभर के बाजारों में 24 कैरेट सोना 10 ग्राम के लिए 1,25,400 रुपये पर बिक रहा है, जो कि पिछले दिन के मुकाबले 320 रुपये अधिक है। वहीं, 22 कैरेट सोने का भाव 10 ग्राम के लिए 1,14,950 रुपये पर पहुंच गया, जिसमें 300 रुपये की वृद्धि हुई है। 18 कैरेट सोना, जो आभूषणों में सबसे अधिक इस्तेमाल होता है, अब 10 ग्राम के लिए 95,050 रुपये का बिक रहा है, यानी इसमें 240 रुपये का इजाफा हुआ है।
इस बढ़ोतरी का प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भारत में बढ़ती मांग है, खासकर त्योहारी सीजन के चलते। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में संभावित सरकारी शटडाउन की चिंता और भारत में नवरात्र, धनतेरस और दिवाली जैसे बड़े त्योहारों का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ रहा है।
हाल ही में, अमेरिका में संभावित शटडाउन के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता का माहौल बन गया है। इसके परिणामस्वरूप, निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसमें सोना एक प्रमुख विकल्प बनकर उभरा है। जब दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक अपने पूंजी को सोने जैसी सुरक्षित धातु में स्थानांतरित करते हैं। इसने सोने की कीमतों को वैश्विक स्तर पर ऊंचा बनाए रखा है, और भारत में भी इसका प्रभाव दिखा है।
सोने की कीमतों में तेजी
भारत में, त्योहारी सीजन की शुरुआत से ही सोने की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। नवरात्रि, धनतेरस और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान, आभूषणों की खरीदारी में वृद्धि होती है, जो सोने की कीमतों को प्रभावित करती है। इस समय, सोने की मांग में बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में और उछाल देखने को मिल रहा है।
सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के पीछे कई आर्थिक और वैश्विक कारक काम करते हैं। सबसे पहले, अमेरिकी डॉलर की कीमत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों का प्रभाव पड़ता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो भारतीय रुपये के मुकाबले सोने की कीमतों में वृद्धि होती है।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में सोने की बड़ी मात्रा आयातित होती है, और सरकार द्वारा आयात शुल्क (Import Duty) या जीएसटी में कोई भी बदलाव सीधे सोने की कीमतों को प्रभावित करता है। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक स्थिति, जैसे युद्ध, मंदी, या ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, भी निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित करता है, जिससे कीमतों में तेजी आती है।
भारत में सोने का सांस्कृतिक महत्व भी उसकी कीमतों को प्रभावित करता है। खासकर शादियों और त्योहारों के दौरान सोने की खरीदारी बढ़ जाती है, जिससे सोने की कीमतों में और वृद्धि होती है। मुद्रास्फीति और निवेश के नजरिए से भी सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाता है, जिससे भी कीमतों में इजाफा होता है।
त्योहारी सीजन के दौरान सोने की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर उन लाखों भारतीय परिवारों पर पड़ता है, जो दिवाली के अवसर पर आभूषण खरीदने की योजना बनाते हैं। इस समय, जब सोने की कीमतें उच्चतम स्तर पर हैं, तो लोगों को अपनी खरीदारी की योजना पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
वहीं, दूसरी ओर, सोने की कीमतों में बढ़ोतरी से निवेशकों के लिए भी एक अच्छा अवसर उत्पन्न हो सकता है। सोने को लंबे समय तक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, खासकर जब बाजार में अनिश्चितता हो। ऐसे में निवेशक इस समय में सोने की खरीदारी कर सकते हैं, ताकि भविष्य में इसकी कीमतों में और वृद्धि का लाभ उठाया जा सके।
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विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन के दौरान सोने की मांग में और वृद्धि हो सकती है, जिससे इसकी कीमतें और बढ़ सकती हैं। अमेरिकी शटडाउन की संभावना और वैश्विक बाजार की स्थिति, दोनों ही सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे सोने में निवेश करते समय इन सभी पहलुओं पर विचार करें और अपनी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।