

भू-राजनीतिक तनाव का सीधा असर सोने की कीमतों पर देखा गया है, जो लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
सोना के भाव में बढ़त (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के विकल्प के तौर पर सोने की ओर रुख किया है। इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर देखा गया है, जो लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमत 1,01,078 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई। यह अब तक का सबसे ऊंचा भाव है।
हालांकि, इतनी तेज बढ़त के बाद सोने की कीमतों में अचानक गिरावट शुरू हो गई और कुछ ही घंटों में यह 1.42 फीसदी यानी करीब 1,426 रुपये टूटकर 98,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। यह उतार-चढ़ाव बताता है कि बाजार में अस्थिरता का दौर जारी है और भू-राजनीतिक घटनाक्रम इसकी दिशा तय कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को 24 कैरेट सोने का रेट 99,370 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। विभिन्न कैरेट वाले सोने की कीमतें इस प्रकार रहीं:
देश के अलग-अलग शहरों में भी सोने की कीमतें 1 लाख रुपये के पार दर्ज की गईं। दिल्ली, जयपुर, लखनऊ और वाराणसी में 24 कैरेट सोना 1,01,650 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। वहीं, कोलकाता, चेन्नई, पटना और भोपाल में इसका भाव 1,01,500 से 1,01,550 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच देखा गया। 22 कैरेट सोने की कीमतें अधिकतर शहरों में 93,000 से 93,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास रहीं।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
विशेषज्ञों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर की कमजोरी और महंगाई को लेकर चिंताओं ने निवेशकों को सोने की ओर मोड़ा है। सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश माना गया है और संकट के समय इसकी मांग बढ़ जाती है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ भारत में भी सोने की कीमतें ऊंचाई पर हैं।
हालांकि कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं, लेकिन तेजी के बाद बाजार में तेज गिरावट भी देखी जा रही है। ऐसे में निवेशकों को सावधानीपूर्वक फैसले लेने की सलाह दी जा रही है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक भू-राजनीतिक तनाव शांत नहीं होता, तब तक सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
सोने की कीमतों में हालिया तेजी वैश्विक घटनाओं का सीधा असर है। निवेशकों और आम लोगों के लिए यह समय सतर्क रहने का है, क्योंकि अस्थिरता के इस दौर में कीमतें किसी भी दिशा में बड़ी छलांग लगा सकती हैं।