

बढ़ी कीमतों के बावजूद लोगों ने परंपरा निभाते हुए जमकर सोना खरीदा। विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है। हालांकि, यह गिरावट अस्थायी होगी और भविष्य में सोना ₹1.5 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
दिवाली के बाद कीमतों में गिरावट
New Delhi: दिवाली के शुभ अवसर पर इस साल भी लोगों ने परंपरा को निभाते हुए सोने की जमकर खरीदारी की। पिछले कुछ हफ्तों से सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने सोने के सिक्के, बार और ज्वेलरी पर खूब खर्च किया। बढ़ी हुई कीमतों के कारण कई घरों के बजट पर असर पड़ा और लोगों को अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़ी।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिवाली के बाद सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मीर का कहना है कि फिजिकल डिमांड यानी वास्तविक खरीद धीरे-धीरे कम हो सकती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान आर्थिक हालात पहले ही कीमतों में शामिल हो चुके हैं। आने वाले दिनों में बाजार की नजर अंतरराष्ट्रीय संकेतकों जैसे चीन के आर्थिक आंकड़े, ब्रिटेन की मुद्रास्फीति दर, विभिन्न सेक्टरों के पीएमआई डेटा, अमेरिका में ब्याज दरों के संभावित बदलाव और उपभोक्ता विश्वास पर रहेगी।
सोने की कीमतों में गिरावट
एसएस वेल्थस्ट्रीट की संस्थापक सुगंधा सचदेवा के अनुसार, सोना इस समय ओवरबॉट ज़ोन में है, यानी हाल के दिनों में इसकी खरीदारी बड़ी मात्रा में हुई है। इससे बाजार में अस्थायी गिरावट या सुधार (करेक्शन) देखने को मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर कीमतों में थोड़ी गिरावट आती है, तो यह निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका होगा। उनके मुताबिक, आने वाले समय में सोने की कीमत ₹1.45 लाख से ₹1.5 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
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इस साल सोने की कीमतों में तेजी का एक प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर की कमजोरी भी रहा है। डॉलर इंडेक्स में अब तक करीब 9% की गिरावट आई है, जिससे सोना तुलनात्मक रूप से सस्ता हो गया है क्योंकि इसकी कीमत डॉलर में तय होती है।
इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष जैसी भू-राजनीतिक घटनाओं ने भी सोने को ‘सेफ हेवन’ यानी सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में लोकप्रिय बनाए रखा है। हालांकि अगर इन क्षेत्रों में शांति समझौते या संघर्षविराम होते हैं, तो सोने की मांग घट सकती है।
अगर अमेरिका में सरकारी शटडाउन खत्म होता है और चीन के साथ व्यापारिक तनाव कम होते हैं, तो निवेशक सोने में कम रुचि दिखा सकते हैं। खासकर अगर आने वाले दिनों में डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात सकारात्मक रहती है, तो सोने के दामों पर दबाव बढ़ सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली के बाद सोने की कीमतों में अस्थायी गिरावट आ सकती है, लेकिन लंबी अवधि में इसके दाम फिर से बढ़ सकते हैं। ऐसे में निवेशक अगर इस गिरावट के समय समझदारी से खरीदारी करते हैं, तो यह उनके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।