सरकारी दफ्तर अफसरों की मर्जी से? मैनपुरी में उठा बड़ा सवाल, वाणिज्य कर विभाग की असली तस्वीर आई सामने

मैनपुरी के वाणिज्य कर विभाग में रियलिटी चेक के दौरान जॉइंट कमिश्नर कार्यालय से नदारद मिलीं। कर्मचारियों में डर का माहौल दिखा, जबकि वरिष्ठ अधिकारी बचाव में नजर आए। बिना सूचना मुख्यालय छोड़ने पर प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 30 December 2025, 3:54 PM IST
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Mainpuri: जनपद के वाणिज्य कर विभाग में अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर एक बड़ा और गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। रियलिटी चेक के दौरान यह तथ्य सामने आया कि विभाग की जॉइंट कमिश्नर निधि दीक्षित बिना किसी पूर्व सूचना के कार्यालय से नदारद हैं। यह मामला केवल एक अधिकारी की अनुपस्थिति तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे सरकारी दफ्तरों में जवाबदेही, अनुशासन और प्रशासनिक नियंत्रण पर भी सवाल उठने लगे हैं।

कार्यालय में नहीं मिलीं जॉइंट कमिश्नर

रियलिटी चेक के दौरान जब वाणिज्य कर विभाग के कार्यालय का निरीक्षण किया गया, तो जॉइंट कमिश्नर निधि दीक्षित अपने कक्ष में मौजूद नहीं पाई गईं। कर्मचारियों से जब उनके बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया गया, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल सका। कार्यालय में न तो कोई अवकाश सूचना चस्पा थी और न ही किसी वैकल्पिक अधिकारी की तैनाती की जानकारी दी गई थी।

बिना अनुमति गाजियाबाद जाने की चर्चा

सूत्रों के अनुसार, जॉइंट कमिश्नर निधि दीक्षित बिना विभागीय अनुमति के अपने निजी आवास गाजियाबाद चली गई हैं। बताया जा रहा है कि वह पिछले दो से तीन दिनों से कार्यालय नहीं पहुंची हैं। इस दौरान विभागीय कामकाज किसके भरोसे चल रहा है, इसका कोई स्पष्ट जवाब किसी के पास नहीं था।

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कर्मचारियों में दिखा खौफ

जब कार्यालय में तैनात अन्य कर्मचारियों से इस बारे में सवाल किए गए, तो वे कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। उनके चेहरे पर साफ तौर पर डर और असहजता देखी जा सकती थी। कोई भी कर्मचारी यह कहने की स्थिति में नहीं था कि अधिकारी कहां हैं या कब तक वापस आएंगी। यह स्थिति विभागीय माहौल और आंतरिक दबाव को भी उजागर करती है।

कामकाज पर असर

अधिकारियों की गैरमौजूदगी का सीधा असर विभागीय कामकाज पर पड़ता है। व्यापारियों से जुड़े मामलों, टैक्स से संबंधित फाइलों और शिकायतों के निस्तारण में देरी होना स्वाभाविक है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब जिम्मेदार अधिकारी ही कार्यालय में मौजूद नहीं हैं, तो आम जनता और व्यापारियों की समस्याओं का समाधान कैसे होगा।

जिला कमिश्नर का बचाव

इस पूरे मामले पर जब वाणिज्य कर विभाग के जिला कमिश्नर राधेश्याम से बातचीत की गई, तो उन्होंने जॉइंट कमिश्नर का बचाव करते हुए सफाई देने की कोशिश की। उनके बयान से यह स्पष्ट नहीं हो सका कि अधिकारी की अनुपस्थिति की पूर्व जानकारी विभाग को थी या नहीं। इस तरह की लीपापोती ने मामले को और अधिक संदेहास्पद बना दिया है।

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नियमों की अनदेखी या सिस्टम की कमजोरी?

सरकारी सेवा नियमों के तहत किसी भी अधिकारी को बिना सूचना और अनुमति मुख्यालय छोड़ने की इजाजत नहीं होती। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि क्या नियम केवल कागजों तक सीमित हैं? या फिर वरिष्ठ अधिकारियों को नियमों से ऊपर समझा जाने लगा है? यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं होती, तो यह एक गलत उदाहरण स्थापित करेगा।

Location : 
  • Mainpuri

Published : 
  • 30 December 2025, 3:54 PM IST

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