82 अहम सीटों पर वोटिंग रुझान तय करेगा बिहार की अगली सरकार, Hilsa से Phulwari तक सभी की नजरें

बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर  लगभग 82 सीटें ऐसी हैं जो इस चुनाव के चरम-निर्णय का केंद्र होंगी यानी इन पर जीत-हार किस गठबंधन की दिशा तय करेगी।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 13 November 2025, 6:48 PM IST
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Patna: बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर  लगभग 82 सीटें ऐसी हैं जो इस चुनाव के चरम-निर्णय का केंद्र होंगी यानी इन पर जीत-हार किस गठबंधन की दिशा तय करेगी। इस प्रकार से ये सीटें सिर्फ़ संख्या का खेल नहीं, बल्कि सामाजिक-राजनीतिक समीकरण, जातिगत मतदान, गठबंधन रणनीति और स्थानीय उम्मीदवारों की छवि का असर रखेंगी।

क्यों ये 82 सीटें खास हैं?

इन 82 सीटों में वे इलाके शामिल हैं जहां पिछले चुनावों में मतभेद की मार्जिन बेहद कम रही है, और इस बार मतदाता रुख बदलने की संभावना अधिक मानी जा रही है। विश्लेषक कह रहे हैं कि यदि विद्यमान सरकार गठबंधन को इन 82 सीटों में अच्छी पकड़ मिल जाती है, तो उसे स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। लंबे समय से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (MGB)-प्रकार के गठबंधनों के बीच प्रतिस्पर्धा रही है। इस बार, हार-जीत सिर्फ पार्टी-वोट नहीं, बल्कि गठबंधन की स्थिरता और सीट-बंटवारे जैसे कारकों पर भी टिकी हुई है।

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जैसे NDA ने अपने प्रमुख घटक दलों को लगभग 101-101 सीटों का बंटवारा किया है। यह भी माना जा रहा है कि इन खास 82 सीटों पर गठबंधन की रणनीति-लचीलापन निर्णायक साबित होगा।

इन सीटों पर क्या होगा अंदाज?

यदि NDA इन 82 सीटों में 50 परसेंट से अधिक सफल होती है, तो उसे बहुमत की दिशा में अच्छी खासी बढ़त मिल सकती है। दूसरी ओर, अगर महागठबंधन-प्रकार की पार्टियां इन सीटों में उलटफेर करती हैं, तो राजनीतिक नतीजा चौंकाने वाला हो सकता है। स्थानीय उम्मीदवारों, जातिगत समीकरणों, पहले-पिछले वोटिंग ट्रेंड्स और युवा-मतदाता रुझानों की भूमिका इन सीटों में बहुत अहम मानी जा रही है।

पिछली बार इन सीटों पर बेहद कम रहा मार्जिन

नालंदा ज़िला -2020 में सिर्फ 12 वोट के अंतर से जीत हुई थी।

शेखपुरा ज़िला -यहां 2020 में 113 वोट के बहुत कम अंतर से परिणाम आये थे।

बेगूसराय ज़िला -पिछली बार लगभग 333 वोट के अंतर से जीत हुई थी।

देवघर-मॉडल -2020 में एक निर्दलीय ने जीत हासिल की थी, और अंतर भी बहुत कम रहा था।

एससी आरक्षित सीट-2020 में अंतर लगभग 777 वोट का था, और यह सीट इस बार भी कम-अंतर वाले मुकाबलों में से मानी जा रही है।

किस सीट पर ज्यादा फोकस

पटना: इसमें मुख्य लड़ाई Bharatiya Janata Party (BJP) को है, क्योंकि यह उनकी शहरी पकड़ का परीक्षण माना जा रहा है। यह सीट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि यहां BJP हारती है, तो शहरी वोटरों में बदलाव का संकेत माना जाएगा।

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Phulwari (दत्तक आरक्षित सीट, पटना ज़िला)

यह आरक्षित सीट है (एससी) जिसमें साथ में दलित-मुस्लिम-अन्य पिछड़े वर्ग शामिल हैं। इस सीट पर एवं आसपास NDA और Rashtriya Janata Dal-गठबंधन दोनों सक्रिय हैं, क्योंकि सामाजिक न्याय, आरक्षण, दलित-ओबीसी समीकरण प्रमुख है।

Seemanchal क्षेत्र ( Amour, Kishanganj )

यहां All India Majlis‑eIttehadul Muslimeen (AIMIM) और मुख्य रूप से विपक्षी गठबंधन को ताकत मिली है। इस इलाके में सरकार से निराशा थी, विशेष रूप से माइग्रेशन एवं विकास-वृद्धि के मामले में। इसलिए नई विकल्पों (जैसे AIMIM) को खुला अवसर मिलता दिख रहा है।

आने वाले परिणाम-दिन (14 नवंबर 2025) तक यही देखा जाना है कि इन विशेष सीटों में किस दिशा में रुख बनता है और उसी से तय होगा कि बिहार की अगली सरकार किसकी बनेगी

Location : 
  • Patna

Published : 
  • 13 November 2025, 6:48 PM IST